________________ 3.] सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरणे असण्णिपंचेंदियस्स पज्जत्तगस्स जहण्णगो ठितिबंधो संखेज्जगुणो 22 / तस्सेव अप० जहं० वसेसो० 23 / तस्सेवुक्कस्सगो विसे० 24 / असण्णिपंचेंदियस्स पज्जत्तगस्स (उक्क०) ठिईबंधो विसेसाहिओ 25 / ततो संजयस्स उक्कस्सगो ठितिबंधो संखेज्जगुणो 26 / “विरए देसजदुगे सम्मचउक्के य संखगुणे" त्ति, ततो देसविरयस्स जहण्णओ ठिईबंधो संखेज्जगुणो 27 / तस्सेवुक्कस्सगो ठितिबंधो संखेज्जगुणो 28 / “देसजतिदुगे' त्ति, देसविरयस्स जहण्णुक्कोस्स ति भणियं होइ। “सम्मचक्के य"त्ति, अस्संजयसम्मदिट्ठी। पज्जत्तापज्ज तयाणं जहण्णुक्कोसगं ति भणियं होति / देसविरयस्स उक्कोस्साओ ठितिबंधाओ असंजयसम्मादिहिस्सपज्जत्तगस्स जहं०ठिति० संखेज्जगुणो 26 / तस्सेव अपज्जत्तगस्स जहं० ठिति० संखेज्जगुणो 30 / तस्सेवुक्कस्सओ ठितिबं० संखेज्जगुणो 31 // असंजयसम्मदिहिस्स पज्जत्तगस्स उक्कस्सगो ठितिबंधो संखेज्जगुणो 32 / 'सण्णीपज्जत्तियरेसु"त्ति / अस्संजयसम्मदिहिस्स पज्जत्तगस्स उक्कस्सगाओ ठितिबंधाओ सण्णिपंचिंदियपज्जत्तगस्स जहण्णओ ठितीबंधो० (संखगुणो) 33 / तस्सेव अपज्जत्तगस्स जह संखेज्ज० 34 / तस्सेवुक्कस्सगो ठितिबंधो संखेज्जगुणो 35 / "अभितरओ उ कोडाकोडीए' ति / एवं संजयस्स उक्कोसाओ आढत्तं कोडाकोडीओ अभंतरओ भवंति / “उक्कसो सण्णिस्स होइ पन्ज. त्तगस्सेव" त्ति पुव्वं सामण्णेण उक्कोसगो भणिओ, सो सण्णियस्स पंचिंदियस्स पज्जगस्स मिच्छादिहिस्स चेव भवइ 36 / / / / 81 / / 85 / / ठितिबंधठाणपरूवणा भणिया / / सव्वाण वि पयडीणं उक्कोसं सन्निणो कुणंति ठिई / ' एगिदिया जहन्न असन्निखरगा य काणं वि // 82 // 86 // सव्यासि पयडीणं उक्कोसो ठिइबंधो सण्णिरसः न सेसाणं | उक्तं च-"उक्कसो सण्णिस्स होइ पज्जत्तगरसेव" / "एगिदिया जह" जहण्णं-जहण्णठीबंधं एगिदियाइ नवोत्तरपयडिसयस्स / असण्णिपंचिदिया वेउव्वियएक्कारसगरस जहण्णट्टिइबन्धगा / खवगा बावीसाए पयडीणं जहण्णढीवन्धगा। चकारात् अपुवकरणो आहारसत्तगस्स तित्थयरनामस्स या तिरियमणया आउयचउक्कस्स जहण्णट्ठीवन्धगा। उवतं च"आहारगतित्थयरं नियट्टि अनियट्टि पुरिससञ्जलणा / बन्धइ सुहुमसरागो सायजसुच्चावरणविग्घ // 1 // छण्हमसण्णी कुणइ जहां ठीमाउगाणमण्णयरो / सेसाणं पज्जत्तो बायरएगिदियविसुद्धो // 2 // " सव्वाणुकोसठिई असुभा सा जमइसंकिलेसेणं / // 2 // 86|| - इयरा उ विसोहीए सुरनरतिरियाउए मोतु // 83 // 8 // . सव्वाण वि पयडीणं उक्कोसा ठीई असुभा / जओ सव्वसंकिलिट्ठो मिच्छदिट्ठी आहारसत्तग- - तित्थयरनाम-देवाउय-मणुयाउय-तिरियाउयवज्जाणं सव्वपयडीणं उक्कोसंठीई बंधइ / नवरं सुभपयडीणं तप्पाउगसंकिलिट्ठो। सा असुभा असुभरुक्खफलविवागवत् असुभपयडीणं सुभपयडीणं वालुयकवलोवमानीरसा तओ असुभा / तित्थयरनामस्स अविरयसम्मदिट्ठी आहारसत्तगस्स