________________ सूक्ष्मार्थविचारसारप्रकरणे ____तत्थ खाइय-पारिणामिएहिं दुहिं जोगो सिद्धाणं / उदइय-खाइय-पारिणामिएहिं केवलीणं / संसारियाणं पुण चउगइयाण वि तिगजोगो उदइय-खाओवसमिय-पारिणामिएहिं / चउजोगो दुविहो चउसु वि गईसु / तत्थ एसो तिगजोगो खाइएण वा उवसमिएण वा चउजोगो / मणुयाण खाइगसम्मद्दिट्ठीणं उवसमसेढिपज्जंतपत्ताणं पंचन्ह वि भावाणं जोगो लब्भइ / / 57 // इयाणि छण् भावाणं अट्ठकम्मेसु जो जहिं संभवइ तं दंसेइ-- मोहस्सेव उवसमो खाओवसमो चउण्ह घाईणं / उदयक्खयपरिणामा अट्ठन्ह वि होंति कम्माणं // 58 // मोहणीयस्सेव ओवसमिओ भावो, न पुण अन्नेसि कम्माणं / नाणवरणदंसणावरणमोह- . णीयअंतराइयाणं घाइकम्माणमेव खाओवसमिओ भावो। उदइयखाइयपारिणामिया तिन्नि भावा अट्ठण्ह वि होति कम्माणं / / 58 / इयाणिं गुणट्ठाणगेसु मिच्छद्दिछिपभिईसु एए चेव भावे दंसेइ-- सम्माइचउसु तिगचउभावा चउपणुवसामगुवसंते / चउ खीणेऽपुब्वे तिन्नि सेसगुणठाणगेगजिए // 59 // अविरयसम्मदिट्ठिदेसविरयपमत्तअपमत्तेसु चउसु वि खाओवसम-उदइय--पारिणामिया भावा तिन्नि / अहवा उवसमिय-खाइयाणं एगयरे छूढ़े चत्तारि भावा / "चउपणउवसामगुवसंते" त्ति / अनियट्टिसुहुमसंपराया उवसामगा, उवसंतमोहो उवसंतो / एएसि तिण्हं उवसमियं खाओवसमियं उदइयपरिणामा भावा चत्तारि / अहवा पंच खाइयसम्मत्तेण / चउ खोणेऽपुव्वे" ति उदइय-खाओवसमिय-परिणामा खीणमोहस्स अपुव्वकरणस्स य तिन्नि भावा / खीणे चउत्थो खाइओ / अपुव्वकरणस्स पुण चउत्थो खाइगो उपसमिओवा। "तिनि सेस." त्ति / तिनि भावा सेसाणं गुणवाणगाणं होति / तत्थ सजोगिअजोगिकेवलीणं खाइय-उदइयपारिणामिया भावा मिच्छसासणसम्ममिच्छाणं उदइय-खाओवसमिय-पारिणामिया तिन्नि हवंति / 'एगजिए" त्ति एक कस्स जीवस्स एए सव्वे वि भावा / न उण तग्गुणट्ठाणगयाण अणेगजीवाणं / ___ संपयं गुणट्ठाणगेसु पत्तेयं उत्तरभावभेयसंखा भण्णइ / ते पुण एए"पणअंतरायअन्नाणतिन्नि अच्चक्खुचक्खु दस एए / मिच्छे साणे य हवंति मीसए अंतरायपण // 1 // नाणतिगदंसणतिगं 'मीसं सम्मं च बारस हवंति / एवं च अविरयंमि वि नवरं तहिदसणं सुद्धं // 2 // देसे 'देसव्विरई तेरसमा तह पमत्तअपमत्ते / मणपज्जवपक्खेवा चउदस अप्पुव्यकरणे य // 3 // 1 "मीसगसम्म” इत्यपि पाठः / 2 “य देसविरई तेरसम' इत्यपि पाठः।