________________ सप्ततिकाभिधे षष्ठे कर्मग्रन्थे तणुपज्जत्ती नियमा इयरा 'उ कमेण पज्जत्ती // 131 // (172) [156] विहगइ-परघायजुया . अट्ठावीसा ससासउणतीसा / उज्जोएणं तीसा सरेण सा एगतीसा उ // 132 // (171) [157] संघयणूणा सव्वे / तएव तिरिओदया य देवेसु / पढम चिय संठाणं वेउविदुगं च इट्ठखगइसरा // 133 / / (173) [158] एगिदियाण पंच उ छछक्क सुरविगलसगलतिरियाणं / मणुए उज्जोऊणा उदयट्ठाणाउ 'सव्वेवि // 134 // (174) [156] एगिदियाणं-२१,२४,२५,२६, 27 / देवाण-२१, 25, 27,28,26,30 / विगलसगलाणं-२१, 26, 28, 29, 30, 31 / मणुयाण उदयठाणा-२१.२६,२८,२९,३० // . इगवीसूणा पंच उ तिरिजइवेउविहारगाणं च / .. अविरयमणवेउन्विय उज्जोऊणा य चत्तारि // 135 // (175) [160] नेरइयाणं तिरिसम संघयणुज्जोयवञ्ज पंचेव 25,27,28,29,30 असुहपयडीण उदया अविवक्खा भंगया पंच // 136 / / (176) [161] जे उदएसुसामी उदयप्पयडीण विवरणं विहिर्य / इत्तो पत्तेय इहं भंगाणं चारणं भणिमो // 137 / / (177) [162] अप्पज्जसुहुमअजसा सेयरमिलिएहि अट्ठ उ विगप्पा / सुहुमअपज्जे य जसं वज्जित्ता पंच संभविया // 138 // (108) [163) ठवणा अप. अप. अप. अप. प. प. सु. बा. बा. सु. सु. अज. ज. अज. ज. अज. ज. अज. ज अप्पजसुहुमसाहार अजसइयरेहि भंगसोलसगं / सुहुमअपज्जे जसउदयवज छक्कं असंभवियं // 136 / / (176) [164] १"जे जत्थ संभविया // 172 / / " इति L.D. प्रतौ / 2 “पञ्चेव // 174 // " इति L.D. प्रतौ / 3 "सुरसमउज्जोऊणा य उदयपञ्चेव / " इति L. D. प्रतौ। 4 "कुणिमो" इति L D. प्रतो / .