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________________ उत्तरतत्रम् / विषयाः पृष्ठ पृष्ठ 723 विषयाः विषयाः 37-38 कफगुल्मे घृतम् 720 / 15-16 पित्तहृद्रोगचिकित्सा 728 | 38-42 रक्तपित्ते आस्थापना३९ सांनिपातिकगुल्म| 17-19 श्लैष्मिकहृद्रोगचिकित्सा 728 नुवासनोत्तर- / चिकित्सा 20-22 कृमिहृद्रोगचिकित्सा 728 बस्तयः 737-730 40-45 गुल्मे पानीयक्षारः 720 चतुश्चत्वारिंशत्तमोऽध्यायः 44 43-45 रक्तपित्तचिकित्साया रकासि 46-48 , वृश्चीराधरिष्टः 1-2 पाण्डुरोगप्रतिषेधोपक्रमः 728 रकप्रदरे चाविदेशः 730 49-66 गुल्मे आवस्थिकी 3 पाण्डुरोगनिदानं षट्चत्वारिंशत्तमोऽध्यायः 46 चिकित्सा 720-722 संप्राप्तिश्च 728 1-2 मूर्छाप्रतिषेधोपक्रमः 18 67-68 गुल्मोपद्रवशूललक्षणम् 722 - 4 पाण्डुरोगसंख्या 729 | 3-4 मूर्छानिदानं संप्राप्तिश्च 730 69-75 गुल्मोपद्रवशूलचिकित्सा 722 5-9 वातजादिभेदेन पाण्डु 5 मूर्छायाः पूर्वरूपम् 38 76 गुल्मं विनाऽपि शूल रोगलक्षणानि 729 मूर्छायाः सामान्यसंभवः 23 10 कामलालक्षणम् 729 लक्षणम् 77-80 शूलनिदानं संप्राप्तिश्च 723 11 कुम्भकामलालक्षणम् 730 7-8 मूर्छामेदाः ... 81 शूल निरुक्तिः 12 हलीमकलक्षणम् 9-10 रक्तगन्धजा मूर्छा 739 82-87 वातजादिमेदेन शूल. 13 पाण्डुरोगोपद्रवाः 11-13 विषमद्योत्थमूर्छा. लक्षणानि 723 | 14-29 पाण्डुरोग लक्षणम् 739-740 88-1.2 वातशूल. चिकित्सा 730-733 14-19 मू चिकित्सा 740 चिकित्सा : 723-72430 कामलाचिकित्सा 20-21 संन्यासलक्षणम् 41 .101-108 पित्तजशूल३१-३५ कुम्भकामलाचिकित्सा 23-35 संन्यासचिकित्सा 741 चिकित्सा 724 732-733 सप्तचत्वारिंशत्तमोऽध्यायः 47 . 1.9-116 लैष्मिकशूल३६-१७ पाण्डामयिभिः 1-2 पानात्ययप्रतिषेधोपक्रमः 741 चिकित्सा 724-725 सेव्यानि 3 मद्यगुणाः 741 117-119 पार्श्वशूलनिदानम् 725 38 पाण्डुरोगोपद्रवचिकित्सा 13 4-5 मथकर्माणि 120-122 पार्श्वशूलचिकित्सा 72539-40 पाण्डुरोगिणोऽसाध्य- . मयरमाः 742 123-125 कुक्षिशूलनिदानम् 725 | लक्षणानि 733 7-8 विधिसेवितमयगुणाः 742 126-130 कुक्षिशूलचिकित्सा पञ्चचत्वारिंशत्तमोऽध्यायः 45 | 9-10 भविधिसेवितमय७२५-७२६ 1-2 रक्तपित्तप्रतिषेधोपक्रमः 734 दोषाः 742 131-132 हृच्छूललक्षणम् 726 3-4 रक्तपित्तनिदानं 11-12 मदस प्रयोऽवस्थाः ____742 133-34 हृच्छूलचिकित्सा 726 संप्राप्तिश्च . 13 पुरुषविशेषे मयस्य 54 135 मूत्रशूललक्षणम् 726 5-6 रक्तपित्तलक्षणम् नातिबाधकतम् 136-19 विशूललक्षणम् 726 534 १४-१६मदासयनिदानम् 743 7 रक्तपित्तपूर्वरूपम् 140-141 मूत्रशूल-बिदशूलयो 54 १७मदात्ययमेदाः चिकित्सा 8 दोषमेदेन रक्तपित्त२६ 18 मदात्ययलक्षणम् लक्षणम् 142-145 अनमूलनिदान 19 परमदलक्षणम् रफपित्तोपद्रवाः चिकित्सा च 726 20 पानाजीणलक्षणम् 743 १.असाध्यरतपित्त- त्रिवत्वारिंशत्तमोऽध्यायः 43 | 21 पान विभ्रमलक्षणम् 743 लक्षणम् 22 मदात्ययस्यासाध्य 1-2 द्रोगप्रतिषेधोपक्रमः 527 / 11-15 रक्तपित्ते चिकित्सा लक्षणानि 43 3-4 हृद्रोगनिदानं संप्राप्तिब 727 सूत्रम् 23 मदासयोपद्रवाः 743 ५हृद्रोगमेदाः 727/ 16-18 रक्तपित्ते भोजन | 24-25 वातिकमदात्यय. 6-1. वातजादिभेदेन हृद्रोग द्रव्याणि चिकित्सा 743 लक्षणानि 727 19-37 रक्तपित्ते कतिपय | 26-27 पैत्तिकमदास्यचिकित्सा 11-14 बातोगचिकित्सा 727 | योगा: 736-737 6-1* वातानि 20
SR No.004403
Book TitleSushrut Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushrut Maharshi, Narayanram Acharya
PublisherChaukhambha Orientaliya
Publication Year
Total Pages922
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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