________________ जीवनपति ]. [ 21 . महापुरुषनो जन्म पण धनदेवी माताने क्या खबर छ के आ | बाळक संसारनी गटरमा रगदोळावा नथी जन्म्यो. .. वि० सं० 1958 ना मागसर सुद बीजनो | मे जन्म्यो छे संयम जोबनना उपवननी खुशबो सोहामणो सूर्य रथमां बेशीने गगनना पंथने कापी | माणवा. माता धनदेवीने शु खबर के आ बाळक रह्यो हतो. आ दिवसे काश्मीरदेशना जम्मुशहेरमां | मारो मटीने विश्वनो बनशे. पोतानो, मारो अने रहेता लाला रामलाल शेठ हर्ष विभोर बनी गया हता. | विश्वना अनेक जीवोनो उद्वारक बनशे. अने खबर न कारण के आजे तेमना धर्मपत्नी श्रीधनदेवीअक | हती के आ बाळक केवळ मारा घरमां गोंधाई नहि रहे, पुत्र रत्नने जन्म आप्यो हतो. आ पुत्ररत्नना जन्मथी | केवळ जम्मूशहेरमां अटवाई नहि रहे. मे तो रामलाल शेठना कुटुम्बमां तो हर्ष छवाई गयो हतो, काश्मीरदेशमाथी पण बहार नीफळीने गुजरात, पण जाणे आ बाळकना जन्मना समाचार चंद्रलोकमां काठियावाड, सौराष्ट्र, राजस्थान, मेवाड, माळवा पण पहोंची गया, अने तेथी तेना दर्शन माटे उत्सुक न | वगेरे देशोमां फरीने सर्वज्ञः भगवान महावीरनो बनेल होय तेम सोंज पडता चंद्र पण गगनमांथी | धर्मध्वज फरकावशे... , डोकियु करवा लाग्यो. पण आजे चन्द्र कला रहित. | हृदयमां वैराग्यनी ज्योत प्रगटी इतो. जाणे आ महापुरुषना दर्शननी उत्सुकताथी पोतानी कलाओने चन्द्रलोकमां भूली गयो हतो. ... हवे काश्मीरीलाल निशाळे जवा लाग्यो. | कुटुंम्बना संस्कारथी दररोज मंदिरे पण जवा लाग्यो. / 'जेम जेम दिवसो पसार थता हता तेम तेम | अबसरे अवसरे उपाश्रयमां पण जवा लाग्यो. दिनगगनमा चन्द्रमा खीलतो जतो हतो, अने लाला राम- प्रतिदिन तेनी धर्म भावना वृद्धि पामती जती हती. लाल शेठना घरमां आ बाळक खीलतु हतु, जाणे के' | देव गुरु धर्म प्रत्येनु आकर्षण वधवा लाग्यु. बन्ने स्पर्धामा उता. आ बाळकनु नाम काश्मीरीलाल | क दिवस तेने प्रखरव का पू० मु. श्री अमीविजयजी राखवामां आव्यु...... | मनो भेटो थई गयो. धीमे धीमे तेमनाव्याख्याननी | असर तेने थवा लागी. हवे तेने पू० अमीविजयजी काठमोरीलाल कोई वखत माताना खोळाने | मनी वाणीनु श्रवण कर्या विना चेन पड़तु न हतु . नुदे छे, तो कोई वखत पारणामां पोढे छे. कोई | | पू० मु० श्रीअमीविजयजी महाराजे आ कोई उच्च घखल रमकडाथी रमे छे, तो कोई वखत पिताना | | ओत्मा छे अम पारखी लीधु, अने तेने संसारनी सोपान करें छे. जोत जोतामां आ बाळक डगुमगु | असारता समजाववा मांडी.. चालवा लाग्यो. हवे तो माता धनदेवी तेने आंगळी वळगाडीने कोई वखत आडोश पाडोशमां लई जाय महानुभाव ! सत्य सुख तारी पासेज छे. तारो | आत्मा अजर अमर अने अनंतसुखमय छे. कर्मना छे, कोई वखत मंदिरमा लई जाय छे, कोई वखत / संयोगने कारणे आत्मा मनुष्यादि चार गतिमा भमे छे, उपाश्रयमा लई जाय छे. . ! . | तथा नटनी जेम विविध वेशने अने रूपने धारण करे माता धनदेवी आ बाळकना मुखने जोईने छे. आ कर्मनु आवरण दूर थाय तो आत्मानु अनंत आनन्द पामे छे अने भविष्यना अनेक सोळसलां घड़े सुख प्रगट थाय. कर्मना आवरणो दूर करवा माटे छे. आ बाळक मोटो थशे त्यारे स्कुलमा भणीने कुशल प्रथम कर्म आवंवाना द्वारो बंध करवा जोई. मिथ्याबनशे. युवान बनशे त्यारे तेने परणाधीने पुत्रवधून त्व, अविरति, कषाय अने योग आ चार कर्म आत्रवाना मुख जोवा मळशे. अना बाळकोने रमाडीश. घरनु द्वारो छे. मिथ्यात्व दूर थया पछी पण विरतिना परिकार्य पुत्रवधू संभाळी लेशे बेटले हु अधिक धर्म- | णाम थवा दुर्लभ छे. कंचन, कामिनी, काया अने कार्य करीश................. काय करीश." ....' . . | कुटुंब उपरनो ममत्व भाव दूर थया विना सर्व