SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 4
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पृष्टांक. अनुक्रमणिका. क्रमांक. पृष्टांक. क्रमांक. 57 बझाक्षेत्रोनां प्रमाण.... .... 130 तथाविमानोनी लंबाई श्रादिक. 177 एए मनुष्यदेत्रमा पर्वत संख्या. ... 131 2 समुजोना पाणीना स्वाद .... 170 60 मनुष्यदेवथी बाहिर कया पदा. 3 देवोना शरीरना प्रमाणनो यंत्र. 11 र्थ नथी? ते कह्या ...... .... 131 4 त्रायस्त्रिं शकादि देवो तथा वाण 61 नंदीश्वर, रुचक अनेकुंमलकीप. 132 व्यंतरेंजोना चिन्ह, वर्णादिक.... 12 62 अढीछीपमां मनुष्य संख्या. .... 132 5 प्रतरे प्रतरे त्रिखूणादिक, विमा. 173 63 चोवीश दंगकनां नाम. ..... 136, 76 विमानोने श्राधार, चिन्द, पृथ्वी 64 शरीरादिक पांत्रीश छार एमां अ पिम, त्रिखूणादिकविमान संख्या, पबहुत्वधारना अहाणु बोल . 130 किटिबषिदेवोनां श्रायुष्यादि यंत्र.१७५ 65 चोवीश दंडक मांदेला प्रत्येक दं 77 लोकांतिक देवोनुं स्वरूप. ... 177 मके शरीरादिक पांत्रीश धार.... 147 वैमानिक देवोने अवधिज्ञान.... १७ए 66 जवनपति देवोनुं स्वरूप. .... 164 | ए नारकीना आयुष्यनो यंत्र. ..... 10 67 दश निकायनां नामादिकयंत्र .... 165 ए नारकीनो पृथ्वीपिमादिक यंत्रो. 192 6 नवनपति व्यंतर देवीन आयु.... 166 ए नारकीने घनोदध्यादि आधार. १ए ६ए जवनपतिना इंश तथा जवन .... 166 | ए ब प्रकारना पट्योपमनुं स्वरूप. १ए। 70 व्यंतर देवोनुं स्वरूप. | ए३ शो प्रकारना रत्नोना नेद. .... 202 71 ज्योतिषी देवोनुं स्वरूप. .... 167 ए४ कया कया जीव नरकमां जाय. 215 72 ज्योतिषी तथा वैमानिकायु. .... १६ए एए कया मनुष्य कयी गतिमांजाय. 13 73 लोकपालनु थायु तथा प्रतरे प्रतए६ चक्रवर्तिना चौदरत्न स्वरूप. .... 214 रे श्रायु कहेवा माटे उपाय..... 171 ए सिकिशिक्षा स्वरूप पूर्व संख्या. 15 चारे निकायनी अग्रमहीषी तथा ए तीर्थंकरादित्रेवीश पदवीनांनाम.२१५ वैमानिकनो प्रतर संख्या यंत्र .... 174 एए उत्सेधादि अंगुलनुं स्वरूप. .... 16 75 प्रतरे प्रतरे उत्कृष्टायुनो यंत्र .... 175 100 जूदी जूदी योनियोनो विचार.... 17 76 वैमानिकना त्रिखूणादि विमान.... 176 101 उपक्रमादिक आउखानुं स्वरूप. 17 77 सौधर्मेशाने देवीनी उत्पत्ति. .... 177 102 अढारनात्रानां नाम. .... १ए देवोना सर्व प्रकार केटला ..... 177 103 अशुजध्याननां त्रेशठ स्थानक. 120 पुए नवनपतिनां श्राजरण चिन्हादि. 177 104 उपदेश रत्नकोष बहोतेरनेद .... 30 अढीछीपगत चंड सूर्य संख्या.... 170 105 न जाणे न श्रादरे न पाले र ज्योतिषीना विमानवाहक देवो त्यादि अष्टनंगीतुं स्वरूप. .... 124
SR No.004399
Book TitleAdhidwipna Nakshani Hakikat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1909
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy