________________ 220 देवादिक संबंधि आयु प्रमुखना यंत्रो. - ए अढार नात्रां कुबेरदत्ता साधवीये एकला पोता श्राश्री पालाणमां पोहोटेला ला करानी श्रागल गाइ संनलाव्यां एवा कुबेरसेना वेश्या तथा ते साधवीनो ना जेने पोते परणी हती, ते तथा तेना वीर्यथी जे बालक उत्पन्न थयो जे जेनी पासे साधवी पोते उत्नी रहीने हालरमा गाय , ते मली चारे जणना प्रत्येके एकेकना अढार अढार नात्रां परस्पर एक बीजानी साथे संबंधे थाय, तेवारे सर्व मली बहोतेर नात्रां थाय. ॥अथ अशुनध्यानना त्रेशन स्थानक, दृष्टांत सहित कहे . // 1 अज्ञान ध्याननी ऊपर, मासतुषनो दृष्टांत जाणवो. 2 अनाचार ध्याननी ऊपर, पुत्रने अर्थे चिंताना करनार कोंकण साधुनो दृष्टांत. 3 कुदर्शन ध्याननी ऊपर, नंदमणियार श्रेष्ठीनो तथा सोमिलब्राह्मणनो दृष्टांत. 4 क्रोधध्याननी ऊपर, कुलवालक, मंखलीपुत्र, पालक तथा नमुचिनो दृष्टांत. 5 मान ध्याने बाहुबलीनो दृष्टांत. 6 मायाध्याने मल्लिनाथनो दृष्टांत. लोनध्याननी उपर केसरीया लामु वहोरनार, साधुनो दृष्टांत. राग ध्याननी ऊपर त्रण दृष्टांत कहे . तेमां कामरागनी ऊपर मणिरथराजा जे मयणरेहा सतीनी ऊपर मोहित थयो तेनो दृष्टांत. तथा स्नेहरागनी ऊपर जानु मंत्री अने सरस्वतीनो दृष्टांत अने दृष्टिरागनी उपर गोष्टामाहिलनो दृष्टांत. ए वेषध्याननी ऊपर धर्मरुचि नंदनावमनो दृष्टांत. 10 मोहध्याननी ऊपर बलदेव, विष्णु, तथा सशंजवसूरिनो दृष्टांत. 11 श्वाध्याने कपिलकेवलीनो दृष्टांत. 15 मिथ्यात्वध्याने जमालीनो दृष्टांत. 13 मूर्बाध्याने कनककेतुनो दृष्टांत. 14 शंकाध्याने आषाढाचार्यनो दृष्टांत. 15 कांदा ध्याननी ऊपर मरीचि तथा कपिलादिकनो दृष्टांत. 16 गृहिध्याननी ऊपर महरामंगू ने कंडरिकनो दृष्टांत. 17 आशाध्याननी ऊपर मूलदेव अने निषूणशर्म ब्राह्मणना संबलनो दृष्टांत. 17 तृष्णाध्याननी ऊपर अंगारदाहकनो दृष्टांत. रए दुधाध्याननी उपर संप्रतिराजानो जीव कुमकनो दृष्टांत, 20 पंथध्याननी ऊपर पोतनपुर मार्गगवेषक वल्कचीरीनो दृष्टांत. 1 पंथे चालवाना ध्याननी ऊपर वरधणु तथा ब्रह्मदत्तनो दृष्टांत. 22 निता ध्याने चौदपूर्वधर दृष्टांत. 3 नियाणाध्याने संनूतिज्ञषि प्रौपदी दृष्टांत. श्व स्नेह ध्याननी ऊपर मरुदेवीमाता तथा अन्नकजीनी मातानो दृष्टांत. 25 कामध्याननी ऊपर हासा, प्रहासा, लोनित कुमारनंदीनो दृष्टांत. .