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________________ चोवीश दमके पांत्रीश द्वार. 240 हवे पूर्वोक्त चोवीश दंडकमांना प्रत्येक दंगके ए पांत्रीश छार कहिये बैये. 1 तिहां प्रथम सात नारकीना दंगके पांत्रीश द्वार कहे . 1 वैक्रिय, तैजस ने कार्मण, ए त्रण श| ग, वैक्रियमिश्रकाययोग तथा कार्मण रीर होय. __काययोग मलीने अगीयार योग होय. 2 अवगाहना जवधारणीय शरीर जघन्य 14 उपयोग प्रथमना त्रण झान, त्रण थ श्री मांडी उत्कृष्ठ पांचशे धनुष्य होय त ज्ञान अने चकुरादिक त्रण दर्शन सर्व था उत्तर वैक्रिय शरीर तेथी बमणुंहोय. मलीने नव होय. तेमां जघन्यथी साडा पन्नर धनुष्य ने 15 उपपात एक समयमां जघन्यथी एक, बार अंगुल अने उत्कृष्टुं एक हजार ध बे, त्रण, जीव उपजे अने उत्कृष्टथी सं नुष्य होय. उपजतां नवाधारणीय अंगुल ख्याता असंख्याता जीव पण उपजे. नो असंख्यातमो नाग होय अने उत्तर 16 उपपातनी परे च्यवनहार पण समज वैक्रिय अंगुलनो संख्यातमो नाग होय. वं. एटले जेम उपजे, तेम चवे. 3 नारकीने संघयण नथी. असंघयणी डे. 17 श्रायुष्य जघन्ययी दश हजार वर्ष, उ 4 संज्ञा श्राश्रयी संज्ञा, दश पण होय, स्कृष्ट तेत्रीश सागरोपम जाणवू. अथवा शोल होय. 17 पर्याप्ति होय, परंतु नाषा अने मन 5 नारकीने हुँडसंस्थान होय. एबे पर्याप्ति साथेज उपजे, तेथी प्रका 6 क्रोधादिक चारे कषाय होय. संतरे पांच पर्याप्ति पण कहेवाय. नारकीने कृष्ण, नील अने कापोत, ए १ए आहार, दिशिनो लिये . त्रण लेश्या होय. 20 दीर्घकालिकी संज्ञा एकज होय. इंडियो पांचे होय. 21 चवीने गर्नज मनुष्य तथा गर्जज ति ए वेदना, कषाय, मरण अने वैक्रिय ए यच ए बे दंडकमां आवे.. चार समुद्घात होय. 2 तिर्यंच पंचेणिय तथा गर्नज मनुष्य ए 10 सम्यत्तवादिक त्रणे दृष्टि होय. सम्य दंडकना जीवो नारकीमां श्रावी उपजे. क्व, मिश्र अने मिथ्यात्व. श्वेदहारमा नारकीनेएकनपुंसकवेदहोय. 11 चतुर्दर्शन, अचकुर्दर्शन श्रने अवधि 24 अल्प बहुत्वमां सर्वथकी थोमा, सात दर्शन, ए त्रण दर्शन होय. मी नरकपृथ्वीना नारकी जाणवा. प १श्मत्यादि त्रण ज्ञान तथा त्रण अज्ञानहोय. बी अल्पपापना सेवनार घणा माटे 13 मनना चार योग, वचनना चार योग, तेथकी बठीना असंख्यातगुणाधिक, तथा कायना त्रण योग, वैक्रियकाययो तेथकी पांचमीना असंख्यात गुणाधि
SR No.004399
Book TitleAdhidwipna Nakshani Hakikat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1909
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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