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________________ अढीछीपना नकशानी हकीगत. वीजा देखाडेले. तिहां निषधपर्वत उपरथी सीतोदा नदी पृथवी उपर पडे ते प्रथम प्रहथी वीजा, त्रीजा, चोथा अने पांचमां अहमां पडे तिहां पहेलो निषधजह बीजो देवकुरुषह, त्रीजो सुरप्रजाह, चोथो सुलसह अने पांचमो विद्युत्पन्न अह ए पांच अह मूकी पठी आगल चाली माटे ए पांच अह जाणवां. तेमज नीलवंतपर्वत उप रथी सीतानदी धरती उपर पडे ते प्रथम उहथी बीजा, त्रीजा, चोथा, पांचमांमां पमीने श्रागल चाली ते पांच कुंडहनां नाम कहे प्रथम नीलवंतपह, बीजो उत्तरकु रुपह,त्रीजो चंडह, चोथो ऐरवत अह, पांचमो मान्यवंताह एरीते ए दस अह धरती उपर ते पूर्वोक्त उसाथे मेलवतां शोल मह जंबूहीपमाळे अने तेथी बमणा वत्रीश प्रह धातकी खंडमां ने तथा बत्रीश अह पुष्कराम्नां मली अढीछीपमां , अह बे. 21 एकवीशमे बोले प्रहनी देवी देव कहेजेः-प्रथम हेमवंत पर्वते पद्माह बे. एनां मध्यनां एक मुख्य महोटा कमल पाउल बीजा लघु कमलनां उ वलय, तनां 12050120 एटला लघुकमल तेणे वीट्यु थकुं महोटुं कमल ते उपर श्री देवी रहे ए पद्मडह जंडो दस योजन, पहोलो पांचसे योजन अने लांबो एक हजार योजन उपर श्रीदेवी रहे ते नुवनपतिदेवोनी जाति. हवे बीजो मदाहिमवंत पर्वते महा पद्मपहले ते पचाश योजन जंडो, हजार योजन पहोलो अने बे हजार योजन लांबोडे, तेना मध्यना एक मुख्य महोटा कमल पाउल लघु कमलोना वार वलय. तेनां 24100240 एटला लघु कमलें वीट्युडे ते उपर हीदेवीनो निवास. त्रीजो निषध पर्वते तिगिविहले तेनुं मध्यनुं मुख्य कमल चोवीश वलये वीट्युडे तेमां J2NGO एटला लघु कमल तिहां श्रीदवानो निवास एजें एक पल्यामुळे, ए अह दश यो जन जंडो, बे हजार योजन पोहोलो अने चार हजार योजन लांबो. हवे ऐरवतके त्रयी शिखरी पर्वत उपर घुमरिक प्रहवे. ते हिमवंतना पद्मसहनी मर्यादायेने एमां लक्ष्मीदेवीनो निवास एनुं एक पक्ष्यायुने. पांचमो रूपी पर्वते महापुमरिक प्रहढे ते महाहिमवंत पर्वतना महापद्मनहनी मर्यादायें एमां बुद्धिनामे देवीनो निवास एनुं एकपल्यायु. गे नीलवंत पर्वते केशरीअहले ते निषधपर्वतना तिगिविपहनी मर्या दायेने एमां कीर्तिदेवीनो निवास तेनुं एकपदयायु ए उह पर्वतो उपर तेनी देवी उ कही. हवे पृथ्वी उपरनां दश कुंमाह तेमां देवताउनां निवास तथा जे रीते प वत उपरे लक्ष्मी देवीनी संकलना कही तेम देवकुरु उत्तरकुरुमां महोटुं जंबूवृद्धाले ते पण एटलेज लघु जंबूवृदे करी वीटेबुंडे ते आगल लखगुं. एरीते जंबमां देवी तथा दश देवता, धातकीमा एथी बमणा बार देवी ने वीश देवता, पुष्कराकमां पण बार देवीने वीश देवता मली अढीछीपमां अह निवासी त्रीसदेवी अने पञ्चाश देवता जाणवा.
SR No.004399
Book TitleAdhidwipna Nakshani Hakikat
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShravak Bhimsinh Manek
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1909
Total Pages256
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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