________________ 26 अढीछीपना नकशानी हकीगत. महाहिमवगिरेः४' हरिवर्षदेत्रस्य 5 निषधगिरेः 6 विदेहास्य 512/10000000 150000000000 1971600000000 3200400000000 1050000000000 रए७१६०००00000 3200400000000 3610000000000 1562400000000 3051707000000 5172000000000 620400000000 1200000000 151000000000 256000000000 3405200000000 G355 122146 167104 ३३ए७५ १९०६न्। 15251 147076 1767710 २४५ए ३२१६२ण्ज ३६ए०६५६ 35 4 एज्य 7671 ए५३२४ ३६एरए 50506 614573 201013 एश्६एए G0000 160000 32000 320000 HOJPUJ00000 196663360000 514573NGU0 एए०५०९७६०००० TAGu00004427360000 30503600000 193100G0000 १५३वशेष३ए६० ७२०३शेष.एए०६२ १५१७४एशे१५७२६३ १२श्श्शे षश्म न Sa50415340 17666336703 ५१४५ए३४३१७४ए एए५०२७ ३७२१४ए५५४०४ १३५०७०३५३७३६३२प्र१७. ३१०ए०४६वप्र१५ रएपदरदक०० ५४४७३न्ण्क ०७१५२५४६६५६एक१७ १६३५७३७३श्क०२० प्र०४ | সং प्र०१५ हवे घनगणित गणवानी रीत कहे जे. पूर्वे जे प्रतरगणित कडं ते प्रतरतुं गणित नूमिकानुं गणाय डे, तेहीज प्रतर ग णितनो श्रांक मामीने पर्वतो- घन गणित करीये; केम के, पर्वतनी नूमिकाना त लियां प्रतर गणित जेटलां होय, माटे तेटलो आंक मांझीने ऊंचपणाना बांके गुणी ये, तेवारे तेनुं घनगणित थाय. ए संदेपथी कयुं.. विशेषार्थ तो श्राम , के वैताढ्यने तलीये नूमिका, प्रतर 515307 योजन उपर बार कला एटदुं बे. पहेली मेखला पर्यंत पचास योजन पहोलुं अने दश योजन ऊंचुं बे, माटे ए प्रतरना गणित पदनो आंक तेने दशे गुणाकार करीये, तेवारे 5153076 योजन उपर उ कला एटबुं नूमिकाथी मामीने पहेली मेखला सुधी घनगणित होय. हवे पहेली मेखलाये पर्वत सांकडो ने. केम के, पचास योजन वैताढ्यनी लंबाश्मांधी