________________ ... सरस्वतीकण्ठाभरणेPararararapaparasparapapapapapapa (16) एकाक्षरमुरजबन्धःश्लोकस्यैतस्य पादेषु लिखितेषु चतुर्वपि / त्रिमृदङ्गकरीहस्याच्चतुरेकाक्षरावली // त्वा न न हानन te w wodoodooddooddooooooooooooooooooooooOOOOOOOOOOOOOOOOOOO008 ||ए/न स्तु वे /नई ध/नल वा न धन म धू अनबन Err Like it : नून aaaaaaaarecreatanamacarcererageneramanananda रन नास्थान न/दीनन सुराननत्वाननहाननष्टये पुनस्तुवेऽनर्घधनप्लवाननम् / मनस्यनूनप्रधनप्रधूननं सकाननस्थाननदीननर्तनम् // (द्वि. प. पृ. 283 श्लो. 321) SOGOTracococGEOGa.c00000000000000