________________ 12 सरखतीकण्ठाभरणेPROPORNOOOOOOOOOOODSONOOOOOOOOOOOPS (14) व्योमबन्धःअष्टादशशिखरचरी गोमुत्रिकया चतुष्पदी पश्येत् / . . यत्राद्यन्तैदृष्टां स शेयो व्योमबन्ध इति // Geroarecerererererere का म | 4 जज नव / Cavo Oro Boca CVEC VSEVIOSOVODASOVCEVOVOVOUS coroas (मि हारी ROCEODOGGAGDACODIOCOCCCCBOOCOCOCOGOODOOGlopGOOOOOOOOOO8 स वि सावि सा का कमलावलिहारिविकासविशेषवहञ्जनकाङ्क / ननगामिकरन्दिविसारमनारमणक्षरतान्न // तमसां बलहानिविलासवशेन वरञ्जनकान्त / . ननमामि चिरं सवितारमनादिमहञ्जगतान // (द्वि. प. पृ. 282 श्लो.३१९) Scoop000000000000000000000000000ccocc0008