________________ सरखतीकण्ठाभरणे (4) चतुष्पत्रकमलबन्धःकर्णिकातो नयेदूर्व पत्राकाराक्षरावलीम् / प्रवेशयेत्कर्णिकायां पद्ममेतञ्चतुर्दलम् // 00 80000000000GGGGGGroG06GGGGr त्या. सुस वा वो ता Faceaeccaceaemorrogaccre पी से स धा ति सासवात्वासुमनसा सा नता पीवरोरसा। सारधामैति सहसा साहसर्धसुवाससा॥ (द्वि. परि. पृ. 274 श्लो. 290) ordGrdGOGarbB en 0000000000000000000000000000000000000000