________________ [ 277 सम्पादित-ग्रन्थ द्वादशारनयचक्रोद्धार टीका आलेखनादि स्वकृत संस्कृत और प्राकृत के अलभ्य ग्रन्थ तथा टीकाएँ 1 अध्यात्मबिन्दु 10 द्रव्यालोक 2 अध्यात्मोपदेश स्वोपज्ञटीका सहित 3 अनेकान्त(वाद)प्रवेश 11 न्यायबिन्दु (?) 4 अलङ्कारचूडामरिण की टीका 12 न्यायवादार्थ [हैमकाव्यानुशासन की स्वो- 13 प्रमारहस्य पज्ञ 'अलंकारचूडामणि' 14 मङ्गलवाद १५वादरहस्य टीका पर की गई टीका] 16 वादार्णव 5 पालोकहेतुतावाद . 17 विधिवाद 6 छन्दश्चूड़ामारण काटाका 18 वेदान्तनिर्णय हैमछन्दोनुशासन की स्वो- 16 वेदान्तविवेकसर्वस्व पज्ञ 'छन्दश्चूडामरिण' की 20 शठप्रकरण टीका पर की गई टीका] 21 सिरिपुज्जलेह 7 ज्ञानसार प्रवरिण * (श्रीपूज्यलेख) 8 तत्वालोकविवरण 22 सप्तभङ्गोतरङ्गिणी 6 त्रिसूत्र्यालोकविवरण 23 सिद्धान्ततर्कपरिष्कार. इनके अतिरिक्त [हारिभद्रीय-] 16 विशिकाओं पर की गई 16 टीकाएँ तथा अन्त में 'रहस्य' शब्द-पद से अलंकृत अनेक प्रकरण ग्रन्थ और अन्य उल्लिखित 'चित्ररूपप्रकाश' 'ज्ञानकर्मसमुच्चयवाद' आदि छोटी-बड़ी कृतियाँ। इसी प्रकार बहुत सी कृतियां अप्राप्य भी हो गई हैं।