________________ (500) ___ अ. पा. सु. . पृ. वैः स्वार्थे / 3 / 3 / 60 / 232 वैणे क्वणः / 5 / 3 / 27 / 370 वोतात् / 5 / 4 / 11 / 261 वोर्णगः सेटि / 4 / 3 / 46 / 104 वोर्णोः / 4 / 3 / 19 / 104 वोर्णोः / 4 / 3 / 60 / 103 वो विधूनने जा / 4 / 2 / 19 / 187 वौ विकिरो वा / 4 / 4 / 96 / 228 व्यक्ताचा सहोक्तो / 3 / 3 / 79 / 237 व्यचोऽनसि / 4 / 1 / 82 / 147 व्यन्जनाच्छ्नाहेरानः / 3 / 4 / 80 / 161 व्यञ्जनादेोपान्त्यस्यातः / 4 / 3 / 47 / 28 व्यजनाद् घञ् / 5 / 3 / 132 / 386 व्यन्जनाद् देः सश्च दः / 4 / 3 / 78 / 92 व्यञ्जनानामनिटि / 4 / 3 / 45 / 37 व्यञ्जनान्तस्थातोऽख्याध्यः / 4 / 2 / 71 / 308 व्यतिहारेऽनीहादिभ्यो नः / 5 / 3 / 116 / 382 व्यध-जन मद्भयः / 5 / 3 / 47 / 374 व्यपाभेलषः / / 5 / 2 / .60 / 302 व्ययोद्रोः करणे / 5 / 3 / 38 / 372