________________ (494) ___अ. पा. पृ. यनि-जपि-दंशि-वदादूकः / 5 / 2 / 47 / 302 यनिस्वपिर क्षयतिप्रच्छो नः / 5 / 3 / 85 / 376 यत्कर्मस्पर्शात् कर्बङ्गसुखं ततः / 5 / 3 / 125 / 384 यथातथादीोत्तरे / 5 / 4 / 51 / 390 यबकिङति / 4 / 2 / 7 / 125 यममदगदोऽनुपसर्गात् / / 5 / 1 / 30 / 271 यमः स्वीकारे / 3 / 3 / 59 / 234 यमिरमिनमिगमिहनिमनिवन तितनादेधुटि किङति / 4 / 2 / 55 / 96 यमिरमिनम्यातः सोऽन्तश्च / 4 / 4 / 86 / 18 यः सप्तम्या: / 4 / 2 / 122 / 4 याज्यादानर्चि / 5 / 1 / 26 / 271 याम्युमोरियमियुसौ / 4 / 2 / 123 / 5 यावतो विन्द-जीवः / 5 / 4 / 55 / 292 यि लुक् / 4 / 2 / 102 / 108 यिःमन् वेयः / 4 / 1 / 11 / 225 युजभुनभनत्यजाअद्विषदुषद्हदुहाम्याहनः / 5 / 2 / 60 / 3.02 युजादेर्नवा / 3 / 4 / 18 / 181 यु-पू-द्रोर्घन् / 5 / 3 / 14 / 374