________________ शुठु शोषणे अठ, रुठु गतौ (425 ) शुठ गतिप्रतीघाते अड्ड अभियोगे कुठु, लुठु आलस्ये च चुड्ड हावकरणे अण, रण, वण, व्रण, बण, भण, भ्रण, मण, पुडु प्रमर्दने धण, ध्वण, ध्रण, कण, मुडु खण्डने च क्वण, चण शब्दे मडु भूषायाम् . ओगृ अपनयने गडु वदनैकदेशे - पृ. 41 शौड़ गर्वे शोण वर्णगत्योः यौड़ सम्बन्धे श्रोण, श्लोण संघाते मेड़, ब्रेड, म्लेड, लोड उन्मादे पैण गति-प्रेरण-श्लेषणेषु रोड, रौड़, तौड़ अनादरे चितै संज्ञाने क्रीड विहारे .. अत सातत्यगमने तुड़ तोडने च्युत आसेचने हुड, हड्ड, हू, हौड गतौ . चुतृ, श्चुत, अच्युत क्षरणे खोड प्रतीघाते विड आक्रोशे अतु बन्धने अड उद्यमे कित निवासे लड विलासे ऋत घृणागतिस्पर्धेषु कडु मदे कुथु, पुथु, लुथु, मथु, मन्थ, मान्थ, कड्ड कार्कश्ये हिंसा-संक्लेशयोः जुतृ भासने