________________ (13) क्लीवे क्वकुत्रात्रेह . क्वसुष् मतौ च क्विवृत्तेरसुधियस्तो क्वेहामात्रतसस्त्यच् क्षुद्राभ्य एरण वा अ. पा. सू. पृ. / 2 / 4 / 27 / 52 / 7 / 2 / 93 / 228 / 2 / 1 / 105 / 76 / 2 / 1 / 18 / 37 / 6 / 3 / 16 / 184 / 6 / 1 / 80 / 168 खितिरवीतीय उर् / 1 / 4 / 36 / 34 गच्छति पथि दूते गडदबादेश्च-भ्यः गड़वादिभ्यः गतिः . गतिरोधाहारार्थ-क्रन्दाम् गम्ययपः कर्माधारे गर्गादेर्यञ् गिरिनदी-वाद् वा गुणाङ्गाद् वेष्ठेयसू गुणादस्त्रियां नवा गुणादिभ्यो यः . / 6 / 3 / 203 / 181 / 2 / 1 / 77 / 56 / 3 / 1 / 156 / 146 / 1 / 1 / 36 / 98. / 2 / 2 / 5 / 114 / 2 / 2 / 74 / 127 / 6 / 1. / 42 / 166 / 7 / 3 / 90 / 158 / 7 / 3 / 9 / 236 / 2 / 2 / 77 / 123 / 7 / 2 / 53 / 225