________________ अ. पा. सू. पृ. कर्मणि / 2 / 2 / 40 / 115 कर्मणि कृतः / 2 / 2 / (3 / 124 कमोभिप्रेयः सम्प्रदानम् / 2 / 2 / 25 / 119 कल्यग्नेरेयण / 6 / 1 / 17 / 164 काकवौ वोष्णे / 3 / 2 / 137 / 142. काऽक्षपयोः / 3 / 2 / 134 / 142 कादिव्यञ्जनम् कारकं कृता / 3 / 1 / 68 / 134 कालात् परिजय्यलभ्यकार्यसुकरे। 6 / 4 / 104 / 199 कालाद् देये ऋणे / 6 / 3 / 113 / 188 कालाध्वनोाप्तौ / 2 / 2 / 42 / 117 कालाध्वभावदेशंवाऽकर्म चाकर्मणाम्।२ / 2 / 23 / 1.13, काले कार्ये च भववत् / 6 / 4 / 98 / 199 काशादेरिलः / .6 / 2 / 82 / 178 किंयत्तत्सर्वैकान्यात् काले दा / 7 / 2 / 95 / 228 किमः कस्तसादौ च / 2 / 1 / 40 / 66 किमद्वयादि-पित् तस् / 7 / 2 / 89 / 227 कुमुदादेरिकः / 6 / 2 / 96 / 180 कुलकुक्षिग्रीवाच्छ्वास्यलङ्कारे / 6 / 3 / 12 / 183... कुशले ... / 6 / 3 / 95 / 188