________________ दशाश्रुतस्कन्धस्य विचाराः दोनिवि थेग तिन्नि तिनि समणसयाई वाति, थेरे अजमेइज्जेथेरे अजपभासे एए दुण्णि वि थेरा काडिन्नागोत्तेणं तिनि 2 समणमयाई वाएंन / से एएणट्रेण एवं वुश्चइ समणस्स भगवओ महावीरस्स नवगणा एकारस गणहरा हेात्था इति गणविचारः / थेरस्स ण अजसुहत्थिस्स वासिट्टसगोत्तस्स अंतेवासी दुवे थेरा सुट्टियसुप्पडिबुद्धा कोडियकाकंनगा वग्घावञ्चसगोत्ता। थेराण सुट्टियसुप्पडिबुद्धाणं काडियकाकंदगाणं वग्यावच्चसगात्ताण अंतेवासी थेरे अजइंदिन्ने कोसिर गेोत्तेणं / थेरस्स गं अजइंददिन्नस्स कोसियसगोत्तस्स अंतेवासी थेरे अजादने गायमगोत्तेण / थेरस्स णं अजदिन्नस्स गोयमसगोत्तस्स अंतेवासीथेरे अजसीहगिरी। अजसीहगिरिस्स अंतेवासी थेरे अजवाइरे, अजवइरस्स अंतेवासी चत्तारि थेरा-थेरे अजनाइले, थेरे अजामिले, थेरे अजजयंते, थेरे अजतावसे / थेराओ गं अजनाइलाओ नाइलसाहा निग्गया / थेराओ ण अजपामिलाओ पोमिलसाहा निग्गया। थेराओ ण अजजयंताओ जयंतीसाहा निग्गयो / थेराओ णं अजतावासाआ तावसीसाहा निग्गया। इति शाखास्वरूपम् / भूमीए अणंतरे संथारए कए अवेहासे पिवीलिगाइसत्तवही दीहजाईओ वा डंसेज तम्हा उच्चो कायव्वा / वर्षासु संस्तारक इति शेषः / जो परं पजोसवणोत्रो अहिगरणं वयह सो अकप्पा ममेरा निज्जूहियव्वो गणाओ तंबोलपत्रनायवत् / नो कप्पर निगंथाण वा निग्गंधीण वा गोलोममेत्ता वि केसा तं रयणि उवाइणावेत्तए / अष्टमदशायामेते /