________________ 47 निशीथ-विचारा: मसयखंडियस्स एगवीसुत्तरं 31-121/124 च भागसयं अहिमासगप्पमाणति / कालमासेण अहिगारो तत्थ वि उउमासेण, सेसा सीसस्स विकोवणट्ठा भणिया / कम्ममासा सावनमासो उउमासो इत्येकार्थाः / पक्खिय चउ संवच्छर उकोसं बारसण्ह वरिसाणं / समणुन्ना आयरिया फड्डगवइया वि विगडंति // 6313 // इत्यालोचनादिनानि / जीहाए वि लहतो ण भद्दओ जन्थ सारणा नस्थि / दंडेण वि ताडिती स भद्दओ सारणा जत्थ // 6614 // जह सरणमुवगयाणं जीवियववरोवणं नरो कुणह / पवं सारणियाणं आयरिओ अचाइओ गच्छे // 6615 // दुग्गविममे विन खलइ जी पंथे सो समे कहं खलइ / कज्जे विऽवजवजी स कहं सेवेज दप्पेणं? // 6698 // अम्हे वि एय धम्मा आसी वट्टति जत्थ सोयारा / इइ गारवल हुकरणं कहए न य सावए लज्जा // 6699 // इति निशीथविचारा: समर्थिता: / सुभाषितगाथा निशीथे - सूईपयप्पमाणाणि परछिद्दाणि पाससि / अप्पणो बिलमेत्ताणि पासंतो वि न पाससि // सिरिए मइमं तुस्से अइसिरिं नो उ पत्थए / अतिसिरिमिच्छंतीए थेरीए विणासिओ अप्पा / उत्तरगुणा इमेपिंडस्स जा विसोहि समिइओ भावणा तवो दुविहो / पडिमा अभिग्गहा वि य उत्तरगुणमो वियाणाहि // 6534 // पञ्च बद्धान्त कौन्तेय ! सेव्यमानानि नित्यशः / आलस्यं मैथुनं निद्रा क्षुधा क्रोधश्च पञ्चमः // दशनविषपेसुलमा अमूढदिट्ठी सेणिय उववूह थिरकरण साढो / वच्छल्लंमि य वइरा पभावगा अट्ट पुण हुंति // 32 // अइसेस इडि धम्मकहि कवि वाइ आयरिय खमग नेमित्ति। विजा राया गणसंभया य तित्थं पभाविति // 33 //