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________________ 428 श्री गोलनगरीय-पार्श्वनाथप्रतिष्ठा प्रबन्ध बिम्ब कौन ?, इस दृश्य को देख कर दर्शक स्वर्गविमानों की कल्पना करते और उन के अस्तित्व का अनुमान लगाने लगते थे। 27 भावना-बैठक दिन के समय जिस प्रकार पूजाभक्ति का ठाठ जमता उसी प्रकार रात्रि के समय करीब पहर रात तक सभामण्डप में भावना की बैठक होती थी। इसके लिए पालिताणा से श्रीजिनदत्तमरि-ब्रह्मचर्याश्रम की संगीतमण्डली बुलाई गयी थी, जो सर्वसाज के साथ द्वितीय वैशाखबदि 11 को ही वहां पहुंच गयी थी। मंडली में 8 तो समवयस्क ( समान अवस्था के) विद्यार्थी थे और बाकी मैनेजर, मास्टर, वजैये वगैरह, कुल 12 आदमी थे / यों तो मंडली वाले दिन के समय भी पूजा में अक्सर आया करते थे, परन्तु रात्रि के समय जरी के ट्रेस के साथ जब वे सभामंडप में आते लोग नृत्य (नाच) देखने और संगीत सुनने के लिए अधीर हो जाते और सभामंडप के उपरान्त बाहर का मैदान भी दर्शकों से ठसाठस भर जाता। करीब 2 // -3 घंटों तक मण्डली अपनी कला के साथ भक्तिभाव करती / रासक्रीडा, डंडीखेल, स्थालीभ्रमग, रस्सी. गुंथन आदि अपनी कुशलतासूचक कलाओं के प्रदर्शन के साथ
SR No.004391
Book TitleJain Gyan Gun Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaubhagyavijay
PublisherKavishastra Sangraha Samiti
Publication Year1936
Total Pages524
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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