________________ श्रीजैनशान-गुणसंग्रह 403 चवला, अमचूर, कोकम आदि खाद्यसामग्री एकत्र करने के लिये दो मेम्बरों की एक समिति नियत की थी जिसने बरेली से देशी चीनी, भटिण्डा से ताजा मेदा, ब्यावर से गुड और अन्यान्यस्थानों से अन्य चीजें एकत्र की। (4) भोजनमण्डप-समिति भोजनमण्डप (परठा) के लिये गांव से सटा हुआ एक रहट का जाव ( अरहट की भूमि ) पसंद किया गया था, क्योंकि वह नजदीक भी था और जल तथा छाया का भी यहां सुख था। - इस काम के लिये 4 सभ्यों की एक समिति मुकरर थी जिसने सब से पहले रहट पर जल की कुण्डी ( टांकी) बंधा कर वहां से रसोईघर तक एक बन्द नीक पक्की बंधा दी। नीक के मुंहाने पर एक बड़ा टांका (होद ) बंधा लिया ताकि नीक द्वारा लाया गया जल सीधा टांका में ही गिरे / टांका के पास कोठियां रख कर छान कर कोठिओं में भरने और कोठिओं से बाल्टियों द्वारा मिट्टी के मटके भर कर परठे में जगह जगह रखने और उनमें से बाल्टियों में ले गिलासों से सर्वत्र पहुंचाने की व्यवस्था ध्यान में रख कर उपर्युक्त जल की व्यवस्था की गयी।