________________ 401 श्रीजैनज्ञान-गुणसंग्रह 11 पंदरह सौ कुंकुमपत्रियाँ लिखीं अहमदाबाद से कुंकुमपत्रियां समितिने रेल्वे पार्सल कर पहले ही भेज दी थी, इस कारण गोल के संघने धर्मशालामें एकत्र हो प्रथम वैशाख वदि 11 के दिन कुंकुमपत्रियां लिखना शुरू किया और गांवों नगरों और व्यक्तियों के नाम से करीब 1500 कुंकुमपत्रियां लिखीं और आदमियों की मारफत तथा डाकद्वारा सर्वजगह पहुंचायी गयीं। 12 कामों का बंटवारा यों तो गांव के 8 पंच इस प्रतिष्ठासंबन्धी काम के लिये मुकरर थे ही तथापि सुगमता के लीये भिन्न भिन्न समितियों में इस काम का बंटवारा कर दिया गया था। (1) सामान-समिति- . कुंकुमपत्री का मसोदा पूर्ण होने पर संघ इकट्ठा कर वह सुनाया गया और सब को पसंद आने से उस की पक्की प्रेस कोपी की गयी। ___ अंजनशलाकामहोत्सव के विधिविधान में, शान्तिस्ना. प्रमें और प्रतिष्ठामंडप के लिये जिन जिन चीज सामानों की जरूरत थी महाराजसाहबने उन के लिस्ट बनाकर अहमदावाद