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________________ 380 श्री गोलनगरीय-पार्श्वनाथप्रतिष्ठा-प्रबन्ध मंदिर की प्रतिष्ठा करा देने की श्रावकों को प्रेरणा की / प्रतिष्ठा कराना निश्चित हुआ और इस कार्य के लिये मुहूर्त और विज्ञप्ति करने को मुनि महाराज श्रीकल्याणविजयजी सौभाग्यविजयजी के पास लुणावे जाने के लिये पंच मुकरिर हुए / 3 लुणावा के लिये पंचों का प्रयाण सं० 1990 का महाराज साहब का वर्षा चौमासा लुणावा (मारवाड) में था, जो गोलसे करीब बत्तीस कोस दूर था। महाराज अभी वहीं विराजते थे। पंच गोलसे रवाने हो कर मिगसर शुदि 13 को लुणावा पहुंचे और सब वृत्तान्त निवेदन पूर्वक विनति की कि 'आप हमें मंदिरजी की प्रतिष्ठा का मुहूर्त निश्चित कर फरमायें और गोल पधारने की विनति स्वीकार कर उधर विहार करने की कृपा करें।' महाराज साहब ने कहा-'क्या यह निश्चय कर लिया है कि प्रतिष्ठा अवश्य ही करायंगे ? / पंचों ने उत्तर दिया-'अब हमारा दृढ निश्चय है कि प्रतिष्ठा अवश्य करानी। इस के बाद महाराजश्रीने पंचाङ्ग देखकर सं. 1991 के द्वितीय वैशाख शुदि 5 का शुभ मुहूर्त बताया। . इस के बाद पंचों ने अर्ज की कि 'गुरुदेव! हमलोगों की इच्छा अंजनशलाका कराने की है सो आज्ञा फरमाइये और
SR No.004391
Book TitleJain Gyan Gun Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaubhagyavijay
PublisherKavishastra Sangraha Samiti
Publication Year1936
Total Pages524
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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