________________ 373 - श्रीजैनशान-गुणसंग्रह क०-प्रभुपूजा करने जावे तो, व्यापार सब ही खोवे / फुरसत नहीं पलभर मरने की, धर्मकर्म कुण जोवे / मेरे बंधु दमडा बडा कलदार है // 5 // ध०-पुन्य कमाई करी पूर्व में, इस भव पाया दमडा / इस भव में कछु नहीं करेगा, जवाब लेगा जमडा / मेरे बंधु प्रभुपूजा परमाधार है // 6 // कर्मी-लाडी वाडी गाडी दमडा, मोटर मौज मनावे / खान पान गुलतान ऐश हो, ऐसी इच्छा होवे / मेरे बंधु दमडा बडा कलदार है // 7 // धर्मी-दास बनो नहीं दमडा के भाई, लो लक्ष्मी को ल्हावो। दश दृष्टांते दुर्लभ नरभव, निष्फल मत गुमावो / मेरे बंधु प्रभुपूजा परमाधार है // 8 // धर्मी-समझ आई सब सत्य बातकी, जग जंजाल है कच्ची। 'नागर' भव तरवा दीपक ज्युं, प्रभुपूजा है सच्ची / मेरे बंधु प्रभु पूजा परमाधार है // 9 // दोनों-सब मिल आवो जिनगुण गावो, लो नरभव को ल्हावो / ओसियां-वीरमंडली प्रभु ध्यावो, अजरामर पद पावो / मेरे बंधु प्रभुपूजा परमाधार है // 10 //