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________________ 168 5 विविध विचार जिस भूमि में व्रीहि (चावल) बोया गया तीन दिन के बाद उगे उसको उत्तम, पांच दिन के बाद उगे उसको मध्यम और सात दिन पीछे उगे उसको हीन याने बिलकुल खराब समझो। - पोली जमीन पर घर बनावे तो निर्धन (कंगाल) बन जाता है और मनुष्य की हड्डी या केशवाली जमीन पर घर बनावे तो वहां मनुष्य की आबादी घटती जाती है / जमीन में गधे की हड्डी या ओर कोई अवयव हो तो राजा की तर्फ से भय होता है, कुत्ते की हड्डी हो तो बालक मर जाता है, बालक की हड्डी हो तो घर का मालिक विदेश में ही गुजर जाता है, गाय की हड्डी हो तो उस घर में गाय का विनाश हो, मनुष्य की खोपरी केश या भस्म हो तो मरण होता है। . ऐसे दोष रहित जमीन देख कर घर-मकान बनावे / / - घर ऐसे स्थान में बनाना चाहिये कि जहां दिन के दूसरे और तीसरे पहर में किसी वृक्ष की या मंदिर के ध्वज (धजा) की छाया न पडती हो। दूसरे तीसरे पहर में मंदिर की ध्वजा की छाया का घर पर पडना अच्छा नहीं, वैसे मंदिरके शिखर की छाया भी घर पर न पडनी चाहिये। जैन मंदिर के पीछे, सूर्य तथा शिवमंदिर के सामने और विष्णुमंदिर के बाये भाग में (डावे भाग में) घर बनाना अच्छा नहीं।
SR No.004391
Book TitleJain Gyan Gun Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaubhagyavijay
PublisherKavishastra Sangraha Samiti
Publication Year1936
Total Pages524
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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