________________ श्रीजैनज्ञान-गुणसंग्रह 133 52 बोल का नकशा. खुलासा. जो कि 24 तीर्थकर विषयक 52 बोल का नकशा समझना कुछ भी मुश्किल नहीं है, तो भी बिलकुल अनजान मनुष्यों के लिये कुछ खुलासा लिख देना जरूरी है। ५२बोलका अर्थ है तीर्थकरके साथ संबन्ध रखनेवाली५२बातें कोई जानना चाहे कि कौन तीर्थकर किस तिथि में किस स्वर्ग से च्युत हो कर माता की कुख में आये ? किस नगरी में किस दिन उनका जन्म हुआ ? उनके पिता और माता के नाम क्या थे? उनका जन्म नक्षत्र और जन्मराशि क्या है ? उनकी जांघ में चिह्न क्या था ? उनके शरीर की उंचाइ कितनी थी ? आयुष्य कितना था ? शरीर का वर्ण कैसा था ? गृहस्थाश्रम में किस पद पर थे? विवाह किया था या नहीं ? कितने पुरुषों के साथ गृहत्याग किया ? किस नगरी में दीक्षा ली थी ? इत्यादि कुल 52 बातों का खुलासा उनके नामके आगे के 52 कोठों में देखने से मिलेगा / जिस तीर्थंकर के विषय में उक्त बातों का खुलासा देखना हो उसके आगे के कोठे देखने चाहिये / उदाहरण-कोई यह जानना चाहे कि भगवान ऋषभदेवके 'गणधर' कितने थे? तो उसे ऋषभदेव के नाम के आगे का २७वा कोठा देखना चाहिये, ताकि ज्ञात हो जायगा कि ऋषभदेव के 'गणधर' 84 थे। इसी तरह सब बातें देखनी चाहिये।