________________ 107 श्रीजैनज्ञान-गुणसंग्रह की पूजा पढावे, रूपानाणे से पुस्तक की पूजा करे, पारणा के दिन 45 आगम की पूजा भणावे / दशपचक्खाण विधि 1 उपवास-'श्रीअक्षयसम्यक्त्वाय नमः' नोकरवाली 20, साथिया लोगस्स खमासमण 67 / 2 एकासणा-'श्रीसम्यक्त्वाय नमः' नो० 20, ख. सा० लो० 17 / 3 एकसिक्थ-(एक चावल खावे) 'श्रीकेवलनाणीनाथाय नमः' नो० 20, ख० सा० लो० 8 / / 4 नीवि-'श्री एकत्वगताय नमः' नो० 20, ख० सा० लो० 21 / . 5 एकदत्ती-(अनजान मनुष्य भोजन थाल में पीरस कर कपडे से ढक कर रक्खे उतना ही खावे) 'श्रीसर्वगताय नमः' नो० 20, ख० सा० लो० 31 / 6 परघरिया एकासणा। 'श्री गौतमस्वामिने नमः' नो. 20, ख० सा० लो० 45 / __7 एकलठाणा (हृदय पर्यंत थाली रखे सारा हाथ हिलाये विना भोजन करे) 'अक्षयस्थितये नमः' नो० 20, ख० सा० लो० 28 / 8 एकासणा (एक कवल खावे) 'श्रीप्रवताय नमः' नो० .20, ख० सा० लो० 90 /