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________________ श्रीजैनशान-गुणसंग्रह व्रतके अतिचारों को समझ कर उनका त्याग करना चाहिये और धारण किये हुए नियमों को पालना चाहिये / ___ आशा है, इसे पढ कर श्रावकगण अपना कर्तव्य धर्म समझेंगे और उसे अंगीकार कर अपने मनुष्यजन्म की सफलता करेंगे। - 4 तपस्या विधि- . वीशथानक तप विधि 1 ॐ ह्री नमोअरिहंताणं / इस पद की नोकर वाली 20, खमासमण साथिया काउस्सग लोगस्स 12 / 2 ॐ ही नमो सिद्धाणं / नो० 20, ख० सा० का० लो० 8 / . . 3 ॐ ही नमो पवयणस्स / नो० 20, ख० सा० का० लो० 45 / .. ___ 4 ॐ ही नमो आयरियाणं। नो० 20, ख० सा० का० लो० 36 / 5 ॐ ही नमो थेराणं / नो० 20, ख० सा० का० लो० 10 / / 6 ॐ ही नमो उवज्झायाणं / नो० 20, ख० सा० का० लो० 25 / 7 ॐ ह्री नमो लोए सबसाहूणं / नो० 20, ख० सा० का० लो० 27 /
SR No.004391
Book TitleJain Gyan Gun Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaubhagyavijay
PublisherKavishastra Sangraha Samiti
Publication Year1936
Total Pages524
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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