________________ पण्णवणासुत्तं प० 16 487 जाव पुक्खरवरदीवद्धपच्छिमद्धमंदरपब्वयसपक्खि सपडि दिसिं सिद्धखेत्तोववायगई, से तं सिद्धखेत्तोववायगई 5" // 469 // से किं तं भवोववायगई ? भवोववायगई चउब्विहा पण्णत्ता / तंजहा-णेरइयभवोववायगई जाव देवभवोववायगई / से कि तं णेरइयभवोचवायगई ! णेरइयभवोववायगई सत्तविहा पणत्ता / तंजहा एवं सिद्धवजो भेदो भाणियव्यो जो चेव खेत्तोववायगईए सो चेव, से तं देवभवोववायगई। से तं भवोचवायगई // 470 // से किं तं णोभवोवचायगई ! जोभवोवचायगई दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-पोग्गलणोभवोक्वायगई, सिद्धणोभवोववायगई / से किं तं पोग्गलणोभवोववायगई ? पोग्गलणोभवोववायगई जण्णं परमाणुपोग्गले लोगस्स पुरस्थिमिलाओ चरमंताओ पञ्चस्थिमिलं चरमंतं एगसमएणं गच्छद, पच्चस्थिमिल्लाओ वा चरमंताओ पुरस्थिमिलं चरमंत एगसमएणं गच्छइ, दाहिणिल्लाओ वा चरमंताओ उत्तरिलं चरमंत एगसमएणं गच्छइ, एवं उत्तरिल्लाओ दाहिणिलं, उवरिल्लाओ हेटिलं, हिडिल्लाओ उवरिलं, से तं पोग्गलणोभवोक्वायगई // 471 / / से किं तं सिद्धणोभवोववायगई ? सिद्धणोभवोववायगई दुविहा पण्णत्ता। तंजहा-अणंतरसिद्धणोभवोववायगई परंपरसिद्धणोभवोववायगई य / से किं तं अणंतरसिद्धणोभवोववायगई 12 पण्णरसविहा पण्णत्ता / तंजहा-तित्थसिद्धअणंतरसिद्धणोभवोववायगई य जाव अणेगसिद्ध० णोभवोवचायगई य / से किं तं परंपरसिद्धणोभवोववायगई ? 2 अणेगविहा पण्णत्ता / तंजहा-अपढमसमयसिद्धणोभवोववायगई, एवं दुसमयसिद्धणोभवोववायगई जाव अणंतसमयसिद्धणोभवोववायगई, सेत्तं सिद्धणोभवोववायगई, से तं शोभवोववायगई, से तं उववायगई 4 // 472 / / से किं तं विहायगई ? विहायगई सत्तरसविहा पण्णत्ता / तंजहा-फुसमाणगई 1, अफुसमाणगई 2, उवसंपजमाणगई 3, अणुवसंपजमाणगई 4, पोग्गलगई 5, मंडूयगई 6, णावागई 7, णयगई .8, छायागई 9, छायाणुवायगई 10, लेसागई 11, लेसाणुवायगई 12, उद्दिस्सपविभत्तगई 13, चउपुरिसपविभत्तगई 14, वंकगई 15, पंकगई 16, बंधणविमोयणगई 17 // 473 // से किं तं फुसमाणगई ? फुसमाणगई जण्णं परमाणुपोग्गले(ल)दुपएसिय जाव अणंतपए सियाणं खंधाणं अण्णमण्णं फुसित्ता णं गई पवत्तइ, सेत्तं फुसमाणगई 1 / से किं तं अफुसमाणगई ! अफुसमाणगई जण्णं एएसिं चेव अफुसित्ता णं गई पवत्तइ, से तं अफुसमाणगई 2 / से कि तं उवसंपजमाणगई 12 जणं रायं वा जुवरायं वा ईसरं वा तलवरं वा माडंबियं वा