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________________ पण्णवणासुत्तं प०१ वेरुलिए 39 जलकंते 40 सूरकंते य // 4 // जेयावण्णे तहप्पगारा। ते समासओ दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य / तत्थ गंजे ते अपजत्तगाते असंपत्ता / तत्थ णं जे ते पजत्तगा एएसिं वण्णादेसेणं, गंधादेसेणं, रसादेसेणं, फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई, संखेजाइं जोणिप्पमुहसयसहस्साई / पजत्तगणिस्साए अपजत्तगा वक्कमंति, जत्थ एगो तत्थ णियमा असंखेजा / सेत्तं खरबायरपुढ विकाइया। सेत्तं वायरपुढविकाइया / सेत्तं पुढविकाइया // 17 // से किं तं आउक्काइया ? आउकाइया दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-सुहुमआउक्काइया य बायरआउक्काइया य // 18 // से कि तं सुहुमआउक्काइया ? सुहुमाउक्काइया दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-पजत्तसुहुमआउकाइया व अपजत्तसुहुमआउक्काइया य / सेत्तं सुहुमआउक्काइया // 19 // से किं तं बायरआउक्काइया ? बायरआउक्काइया अणेगविहा पण्णत्ता / तंजहा-उस्सा, हिमए, महिया, करए, हरतणुए, सुद्धोदए, सीओदए, उसिणोदए, खारोदए, खट्टोदए, अम्बिलोदए, लवणोदए, वारुणोदए, खीरोदए, घओदए, खोओदए, रसोदए, जे यावण्णे तहप्पगारा / ते समासओ दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य / तत्थ ण जे ते अपजत्तगा ते णं असंपत्ता / तत्थ णं जे ते पजत्तगा एएसिं वण्णादेसेणं गंधादेसेणं रसादेसेणं फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई, संखेजाई जोणिप्पमुहसयसहस्साई, पजत्तगणिस्साए अपजत्तगा वकमंति, जत्थ एगो तत्थ णियमा असंखेजा। सेत्तं बायरआउक्काइया / सेत्तं आउक्काइया // 20 // से किं तं तेऊकाइया ? तेउकाइया दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-सुहुमतेऊकाइया य बायरतेऊकाइया य // 21 // से किं तं सुहुमतेजकाइया ? सुहुमतेऊकाइया दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य / सेत्तं सुहुमतेऊकाइया // 22 // से किं तं बायरतेऊकाइया ? वायरतेऊकाइया अणेगविहा पण्णत्ता। तंजहा-इंगाले, जाला, मुम्मुरे, अच्ची, अलाए, सुद्धागणी, उक्का,विज्जू , असणी, णिग्याए, संघरिससमुट्ठिए, सूरकंतमणिणिस्सिए, जेयावण्णे तहप्पगारा / ते समासओ दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-पजत्तगा य अपजत्तगा य / तत्थ णं जे ते अपजत्तगा ते णं असंपत्ता / तत्थ णं जे ते पजत्तगा एएसि णं वण्णादेसेणं, गंधादेसेणं, रसादेसेणं, फासादेसेणं सहस्सग्गसो विहाणाई, संखेजाई जोणिप्पमुहसयसहस्साई। पजत्तगणिस्साए अपजत्तगा वक्कमंति, जत्थ एगो तत्थ णियमा असंखेजा, सेत्तं बायरतेऊकाइया / सेत्तं तेऊकाइया // 23 // से किं तं वाउकाइया ? वाउकाइया दुविहा पण्णत्ता / तंजहा-सुहुमवाउकाइया य
SR No.004388
Book TitleAnangpavittha Suttani Padhamo Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages608
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, & agam_pragyapana
File Size11 MB
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