________________ 278 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सरीराओ य, तत्थ णं जाओ वेउब्वियसरीराओ ताओ सुवण्णसद्दालाओ सुवण्णसद्दालाई वत्थाई पवरपरिहियाओ चंदाणणाओ चंदविलासिणीओ चंदद्धसम,णिडालाओ सिंगारागारचारुवेसाओ संगय जाव पासाइयाओ जाव पडिरूवाओ, तत्थ णं जाओ अवेउध्वियसरीराओ ताओ णं आभरणवसणरहियाओ पगइत्थाओ विभूमाए पण्णत्ताओ, सेसेसु देवा देवीओ णत्थि जाव अच्चुओ, गेवेजगदेवा० केरिसया विभूसाए० 1 गोयमा ! आभरणवसणरहिया, एवं देवी पत्थि भाणियव्वं, पगइत्था विभूसाए पण्णत्ता, एवं अणुत्तरावि // 218 / सोहम्मीसाणेसु० देवा केरिसए कामभोगे पच्चणुब्भवमाणा विहरति ? गोयमा! इट्टा सद्दा इट्टा रूवा जाव फासा, एवं जाव गेवेजा, अणुत्तरोववाइयाणं अणुतरा सद्दा जाव अणुत्तरा फासा // 219 // ठिई सम्वेसि भाणियव्वा, देवित्ताएवि, अणंतरं चयंति चइत्ता जे जहिं गच्छंति तं भाणियव्वं // 220 // सोहम्मीसाणेसु णं भंते ! कप्पेसु सव्वपाणा सव्वभूया जाव सत्ता पुढविकाइयत्ताए जाव वणस्सइकाइयत्ताए देवत्ताए देवित्ताए आसणसयण जाव भंडोवगरणत्ताए उववण्णपुव्वा ? हंता गोयमा ! असई अदुवा अणंतखुत्तो, सेसेसु कप्पेसु एवं चेव, णवरि णो चेव णं देवित्ताए जाव गेवेजगा, अणुत्तरोववाइएसुवि एवं, जो चेव णं देवत्ताए वा देवित्ताए वा / सेत्तं देवा // 221 // रइयाणं भंते ! केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा ! जहण्णेणं दस वाससहस्साई उक्कोसेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं, एवं सव्वेसिं पुच्छा, तिरिक्खजोणियाणं जहण्णेणं अंतोमु० उक्कोसेणं तिण्णि पलिओवमाई, एवं मणुस्साणविं, देवाणं जहा णेरइयाणं // देवणेरइयाणं जा चेव ठिई सच्चेव संचिट्ठणा, तिरिक्खजोणियस्स जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं वणस्सइ. कालो, मणुस्से णं भंते ! मणुस्सेत्ति कालओ केवच्चिरं होइ ? गोयमा ! जहणणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं तिणि पलिओवमाइं पुव्वकोडिपुत्तमब्भहियाई / णेरइयमणुस्सदेवाणं अंतरं जहण्णेणं अंतोमु० उक्कोसेणं वणस्सइकालो / तिरिक्खजोणियस्स अंतरं जहण्णेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं सागरोवमसयपुहुत्तं साइरेगं / / 222 // एए सि णं भंते ! णेरइयाणं जाव देवाण य कयरे०? गोयमा! सव्वत्थोवा मणुस्सा णेरइया असं० देवा असं० तिरिया अणंतगुणा, से तं चउन्विहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता // 223 // // बीओ वे० देवुद्देसो समत्तो॥ // तच्चा चउन्विहपडिवत्ती समत्ता //