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________________ जीवाजीवाभिगमे प०३ 251 // 2 // रविस सिगहणक्खत्ता एवइया आहिया मणुयलोंए / जेसिं णामागोंयं ण पागया पण्णवेहिति // 3 // छावट्ठी पिडगाई चंदाइच्चाण मणुयलोगमि / दो चंदा दो सूरा य होति एकेकए पिडए // 4 // छावट्ठी पिडगाई णखत्ताणं तु मणुयलोगंमि / छप्पण्णं णवत्ता य होंति एकेकए पिडए // 5 // छावट्ठी पिडगाई महागहाणं तु भणुयलोगमि / छावत्तरं गहसयं च होइ एकेकए पिडए // 6 // चत्तारि य पंतीओ चंदाइच्चाण मणुयलोगंमि / छावट्ठिय छावट्ठिय होइ य एकेकया पंती // 7 // छप्पण्णं पंतीओ णक्खत्ताणं तु मणुयलोगंमि / छावट्ठी छावट्ठी हवइ य एक्केकया पंती // 8 // छावत्तरं गहाणं पंतिसयं होइ मणुयलोगंमि / छावट्ठी छावट्ठी य होइ एक्केकया पंती / / 9 / / ते मेरु परियडंता पयाहिणावत्तमंडला सव्वे / अणवट्ठियजोगेहिं चंदा सूरा गहगणा य // 10 // णक्खत्ततारगाणं अवट्ठिया मंडला मुणेयव्वा / तेऽविय पयाहिणावत्तमेव मेरुं अणुचरंति // 11 / / रयणियरदिणयराणं उड्ढे व अहे व संकमो णत्थि। मंडलसंकमणं पुण अभितरबाहिरं तिरिए // 12 // रयणियरदिणयराणं णक्खत्ताणं महग्गहाणं च / चारविसेसेण भवे सुहृदुक्खविही मणुस्साणं // 13 // तेसि पविसंताणं तावक्खेत्तं तु वड्ढए णियमा। तेणेव कमेण पुणो परिहायइ णिक्खमंताणं // 14 // तेसिं कलंबुवापुप्फसंठिया होइ तावखेत्तपहा / अंतो य संकुया बाहिं वित्थडा चंदसूरगणा // 15 // केणं वड्ढइ चंदो परिहाणी केण होइ चंदरस / कालो वा जोहो वा केणऽणुभावेण चंदस्स ? // 16 // किण्हं राहुविमाणं णिच्चं चंदेण होइ अविरहियं / चउरंगुलमप्पत्तं हिट्ठा चंदस्स तं चरइ // 17 // बावटिं बावढेि दिवसे दिवसे उ सुक्कपक्खस्स / ज परिवड्ढइ चंदो खवेइ तं चेव कालेणं // 18 // पण्णरसइभागेण य चंदं पण्णरसमेव तं वरइ / पुण्णरंसहभागेण य पुणोवि तं चेव तिकमइ // 19 / / एवं वड्ढइ चंदो परिहाणी एव होइ चंदस्स / कालो वा जोण्हा वा तेणणुभावेण चंदस्स ||20 // अंतो मणुस्सखेत्ते हवंति चारोवगा य उववण्णा / पञ्चविहा जोइसिया चंदा सूरा गहगणा य / / 21 / / तेण परं जे सेसा चंदाइचगहतारणक्खत्ता / णस्थि गई णवि चारो अवट्ठिया ते मुणेयव्वा // 22 // दो चंदा इह दीवे चत्तारि य सागरे लवणतोए / धायइसंडे दीवे बारस चंदा य सूरा य // 23 // दो दो जंबुद्दीवे ससिसूरा दुगुणिया भवे लवणे / लावणिगा य तिगुणिया ससिसूरा धायईसंडे // 24 // धायइसंडप्पभिई उद्दिट्टतिगुणिया भवे चंदा / आइलचंदसहिया अणंतराणंतरे खेत्ते // 25 // रिक्खग्गहतारग्गं दीवसमुद्दे जहिच्छसे गाउं / तस्स ससीहिं गुणियं रिक्खग्गहतारगाणं तु // 26 // चंदाओ सूरस्स य सूरा चंदस्स
SR No.004388
Book TitleAnangpavittha Suttani Padhamo Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages608
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_aupapatik, agam_rajprashniya, agam_jivajivabhigam, & agam_pragyapana
File Size11 MB
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