________________ रायपसेणइयं 93 उम्गिण्हइ 2 त्ता संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ // 48 // तए णं सावत्थीए णयरीए सिंघाडगतियचउक्कचच्चरचउमुहमहापहेसु महया जणसद्दे इ वा जणबूहे इ वा जणबोले इ वा जणकलकले इ वा जणउम्मी इ वा जणउक्कलिया इ वा जणमंणिवाए इ वा जाव परिसा पज्जुवासइ / तए णं तस्स सारहिरस तं महाजणसदं च जणकल्कलं च सुणेत्ता य पासित्ता य इमेयारूवे अज्झथिए जाव समुप्पजित्था" किं णं अज सावत्थीए णयरीए इंदमहे इ वा खंदमहे इ वा रुद्दमहे इ वा मउंदमहे इ वा वेसमणमहे इ वा णागमहे इ वा भूयमहे इ वा जक्खमहे इ वा थूभमहे इ वा चेइयमहे इ वा रुक्खमहे इ वा गिरिमहे इ वा दरिमहे इ वा अगडमहे इ वा णईमहे इ वा सरमहे इ वा सागरमहे इ वा जं णं इमे बहवे उग्गा उग्गपुत्ता भोगा राइण्णा इक्खागा खत्तिया णाया कोरव्वा जाव इन्भा इब्भपुत्ता ण्हाया कयबलिकम्मा (जहोववाइए जाव) अम्पेगइया हयगया अप्पेगइया गय० जाव पायचारविहारेणं महया 2 वंदावंदएहिं णिग्गच्छंति " एवं संपेहेइ 2 त्ता कञ्चुइजपुरिसं सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-" किं णं देवाणुप्पिया ! अन्ज सावत्थीए णयरीए इंदमहे इ वा जाव सागरमहे इ वा जेणं इमे बहवे उग्गा भोगा"णिग्गच्छंति ? | तए णं से कञ्चुइजपुरिसे केसिस्स कुमारसमणस्स आगमणगहियविणिच्छए चित्तं सारहिं करयलपरिग्गहियं जाव वद्धावेत्ता एवं वयासी-"णो खलु देवाणुप्पिया ! अज सावत्थीए णयरीए इंदमहे इ वा जाव सागरमहे इ वा जेणं इमे बहवे जाव विंदा. विंदएहिं णिग्गच्छंति / एवं खलु भो देवाणुप्पिया ! पासावच्चिजे केसी णामं कुमारसमणे जाइसंपण्णे जाव दूइजमाणे इहमागए जाव विहरइ तेणं अन्ज सावत्थीए णयरीए बहवे उग्गा जाव इन्भा इभत्ता अप्पेगइया वंदणवत्तियाए जाव महया वंदावंदएहिं णिग्गच्छंति" // 49 // तए णं से चित्ते सारही कञ्चइजपुरिसस्स अंतिए एयमढे सोच्चा णिसम्म हट्टतुट्ट जाव हियए कोडुम्बियपुरिसे. सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-"खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया! चाउग्घंटं आसरहं जुत्तामेव उवट्ठवेह" जाव सच्छत्तं जाव उवट्ठति तए णं से चित्ते सारही व्हाए कयबलिकम्मे कयकोउयमंगलपायच्छित्ते सुद्धप्पावेसाइं मंगलाई वत्थाई पवरपरिहिए अप्पमहग्घाभरणालंकियसरीरे जेणेव चाउग्घंटे आसरहे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता चाउग्घंटं आसरहं दुरुहइ 2 त्ता सकोरिंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं महया भडचडगररहपहगरविंदपरिक्खित्ते सावत्थीणयरीए मज्झमज्झेणं णिग्गच्छइ