________________ [216] पञ्चकल्प-भाष्ये गुण अणिमूहियमादी दोसा पुण गृहणादीया होति / एते ण याणे अगीतो तम्हा उ इमस्स णालोए 1938 पायच्छित्तं वियाणंतो ठाणे ठाणे जहाविहिं / आलोयणाए उवसंपयाए सा होति पाउग्गो / / 1939 / / पडिसेवणातियारे दुविहे काले पबंधवोच्छेदो / एकेक छक्कएणं आलोयण मा पडिच्छााह ..1940 // पडि सेवणाऽतियारा दुविहा मूलगुण उत्तरगुणे य। पडि सेवणकालो वि य दुविहो उडुबद्ध वास य 1941 अवोच्छिण्णपबंध तबिवरीयं तु होनि वच्छिण्णं / वयछककायछक्काकप्पादी छक्कमेककं // 1942 // अप्पादी छक्कापिणं अकप्प गिहिभायणं च पालयंको / तत्तो य गिहिणिसेज्जा होति सिणाणं च सोभा य // 1943 // एतेसिं छक्कगाणं एककं जंतु होति आवण्णो / तं तं आलोए तहा पच्छित या वि आयरिआ 1944 आलोयणववहारो संवासि पवासिया उ अवराहा / संवासिया उ गच्छे पवासिया कारणगतस्त 1945 अहवा जा अणवट्ठो ता संवासिं तु होति अवराहा। पारंची पावासी पवसति गच्छा उ जेणं तु // 1946 //