________________ [146] पञ्चकल्प-भाष्ये लहुओ गुरुओ मासो लहुगा गुरुगा भवे चउम्मासा। खुड्डग भिक्खू वसभे आयरिए अदु व विवरीयं 1311 जदिखुत्तो जदिवेलं णिक्खमए णिक्खमित्तु वादेति। ततिखुत्तो तं बेलं सव्वे गुरुणो समुट्ठति // 1312 // वसहीय भिन्नमासो काइयभूमीय मासिगं लहुये। चत्तारि य सुकिलया ओंगाहं तस्स बहियार 1313 भिक्खू वसभायरिया अज्जा उवासगा य इत्थीओ। वादी राया संघो राया संघो उभयओ वि // 1314 // लहुओ गुरुओ मासो लहुगा गुरुगा भवे चउम्मासा। छम्मासा लहुगुरुगा छेदो मूलं तह दुगं च // 1315 // वंदण चिति किइकम्मं पूयाकम्मं च विणयकम्मं च / कायव्वं कस्स व केण वा वि काहे व कहखुत्ता 1316 कति ओणयं // गाहा // (आ० 1119) // 1317 / / सेढी समतीताणं कितिकम्म जे य होंति सेढिगता। सेढीउ बाहिराणं कितिकम्मं होति भइयव्वं 1318 // आयरियउवज्झाए पवित्ति पत्तेयबुद्ध पुब्वधरे / . केवलणाणधरम्मि य कायव्वं णिजरट्ठाए // 1310 //