________________ चौदह क्षेत्रोंसे संबद्ध प्रश्नोत्तरी अरे, मोह हो तो भले बना रहे ! दान न करो / लेकिन जीर्णोद्धारादिके कार्योके लिए लोन तो दो / इस तरहसे भी ट्रस्टी लोग बैंकमें जमा रखनेके संभवित पापकर्मोंसे बचे रहेंगे / प्रश्न :- (32) देवद्रव्य खातेसे साधारण खाता लोन लेकर, कोई जमीन खरीदे और फिर ऊँचे भावसे बेचकर, देवद्रव्य का सूद के साथ लोन भरपाई कर, बाकी बची रकमको, साधारण खातेमें जमा कर सकता है ? उत्तर : नहीं, यह तो देवद्रव्यके खातेके साथ कानूनी भी धोखाबाजी होगी / इस प्रकार करनेसे देवद्रव्यको नुकसान पहुँचाया है / यह भी समझमें आता है कि ऐसा करनेके पीछे साधारण खातेको समृद्ध बनानेका मुख्य उद्देश होता है / लेकिन यदि ऐसा ही करना है तो, सुखी श्रीमंतोके पाससे लोन (सूद या बिना सूदकी) लेकर जमीन खरीदना चाहिये / उच्च दामसे जमीन बेचके श्रीमंतोको उनकी रकम सूदके साथ भरपाई करनी चाहिए और बाकीका नफा साधारण खाते में जमा करना चाहिये / फिर भी विशिष्ट कोटीके गीतार्थ महात्मा (इस बातके अनुभवी) जैसा कहे, वैसा करें / प्रश्न :- (33) संघ में बालजीव धर्म प्रवृत्तिमें शामिल हो, उस हेतुसे अष्टप्रकारी पूजा जैसा कोई अनुष्ठान रखा जाय और उसका खर्च (केसरादिका तथा साधर्मिक भक्तिका) निकालनेके लिए प्रत्येक व्यक्तिके पाससे नकरा लिया जाय / केवल मूलनायक भगवंतकी अष्टप्रकारी पूजाकी आठ उछामनी बुलायी जाय, तो उचित होगा ? उत्तर :- अष्टप्रकारी पूजा आदिमें केवल पूजाका ही नकरा आदि रखकर, आयोजन किया जाय तो वह रकम केवल पूजाकी सामग्री, पूजा मंडप आदिके खर्च में उपयोगमें ली जाय / बाकी बची रकमको देवद्रव्य खातेमें जमा करा दी जाय / जब अनेक व्यक्ति इकट्ठे होकर साधर्मिक भक्ति या प्रभावना आदिके साथ जिनभक्तिके अनुष्ठानका या महोत्सवका आयोजन करें और प्रत्येक व्यक्तिसे आयोजन खर्चके निमित्त एक हजार, पाँच हजार आदि रकम (नकरा) निश्चित्त कर ले और बादमें प्रत्येक आयोजकको एक भगवानको अभिषेक या अष्टप्रकारी पूजा आदिका लाभ, उसके दान अनुसार समर्पित किये जाय