________________ श्रीमदनुयोगद्वर-सूत्रम् ] [ 3 जस्स णं जीवस्स वा अजीवस्स वा जीवाण वा अजीवाण वा तदुभयस्स वा तदुभयाण वा पमाणेत्ति नाम कजइ से तं णामप्पमाणे 17 / से किं तं ठवणप्पमाणे ?, 2 सत्तविहे पराणत्ते, तं जहा–णक्खत्तदेवयकुले पासंडगणे श्र जीविधाहेउं / श्राभिप्पाइअणामे ठवणानामं तु सत्तविहं // 85 // 18 / से किं तं णक्खत्तणामे ?, 2 कित्तिवाहिं जाए कित्तिए कित्तियादिराणे कित्तिाधम्मे कित्तिासम्मे कित्तिादेवे कित्तिपादासे कित्तिासेणे कित्तिश्रारक्खिए रोहिणीहिं जाए रोहिणिए रोहिणिदिन्ने रोहिणिधम्मे रोहिणिसम्मे रोहिणिदेवे रोहिणिदासे रोहिणिसेणे रोहिणिरक्खिए य, एवं सवनक्खत्तेसु नामा भाणिवा / एत्थं संगहणिगाहायो-कित्तिरोहिणिमिगसिरश्रद्दा य पुणव्वसू श्र पुस्से श्र। तत्तो अ अस्सिलेसा महा उ दो फग्गुणीश्रो श्र॥८६ // हत्थो चित्ता साती विसाहा तह य होइ अणुराहा / जेट्टा मूला पुवासाढा तह उत्तरा चेव // 87 // अभिई सवण धणिट्ठा सतभिसदा दो अ होंति भद्दवया / रेवई अस्सिणि भरणी एसा नक्खत्तपरिवाडी // 88 // से तं नक्खत्तनामे 11 / से किं तं देवयाणामे ?, 2 अग्गिदेवयाहिं जाए अग्गिए अग्गिदिराणे अग्गिसम्मे अग्गिधम्मे अग्गिदेवे अम्गिदासे अग्गिसेणे अग्गिरक्खिए, एवं सब्वनक्खत्तदेवयानामा भाणियव्वा / एत्थंपि संगहणिगाहायो-अग्गि पयावइ सोमे रुद्दो अदिती बिहस्सई सप्पे / पिति भग अजम सवित्रा तट्टा वाऊ अ इंदग्गी // 81 // मित्तो इंदो निरई श्राऊ विस्सो श्र बंभ विगहूया / वसु वरुण अय विवद्धि पूसे श्रासे जमे चेव // 10 // से तं देवयाणामे 20 / से किं तं कुलनामे ?, 2 उग्गे भोगे रायराणे खत्तिए इक्खागे णाते कोरवे, से तं कुलनामे. 21 / से किं तं पासंङनामे ?, 2 समणे य पंडुरंगे भिक्खू कावालिए अ तावसए / परिवायगे, से तं पासंडनामे 22 / से किं तं गणनामे ?, 2 मल्ले मल्लदिन्ने मल्लधम्मे मल्लसम्म मल्लदेवे