________________ श्रीमदनुयोगद्वार-सूत्रम् ) [ 73 दुविहे पण्णत्ते, तंजहा-साइपारिणामिए श्र श्रणाइपारिणामिए श्र 20 / से किं तं साइपारिणामिए ?, 2 अणेगविहे परणते तंजहा-जुराणसुरा जुगणगुलो जुराणघयं जुगणतंदुला चेव / अब्भा य अब्भरुक्खा संझा गंधवणगरा य // 24 // उकावाया दिसादाहा गजियं विज्जू णिग्घाया जूवया जक्खादित्ता धूमिश्रा महिया रयुग्घाया चंदोवरागा सूरोवरागा चंदपरिवेसा सूरपरिवेसा पडिचंदा पडिसूरा इंदधणू उदगमच्छा कविहसिया अमाहा वासा वासधरा गामा णगरा घरा पव्वता पायाला भवणा निरया रयणप्पहा सकरप्पहा वालुअप्पहा पंकप्पहा धूमप्पहा तमप्पहा तमतमप्पहा सोहम्मे जाव अच्चुए. गेवेज्जे अणुत्तरे ईसिप्पभारा परमाणुपोग्गले दुपएसिए जाव अणंतपएसिए, से तं साइपारिणामिए 21 / से. किं तं अणाइपारिणामिए ?, 2 धम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए अागासत्थिकाए जीवस्थिकाए पुग्गलस्थिकाए श्रद्धासमए लोए अलोए भवसिद्धिा अभवसिद्धिश्रा, से तं श्रणाइपारिणामिए 22 1 से तं पारिणामिए 23 / से किं तं मरिणवाइए ?, 2 एएसिं चेव उदइथ-उपसमिश्र-खड्ग-खोवसमिश्र-पारिणामिश्राणं भावाणं दुगसंजोएणं. तियसंजोएणं चउक्कसंजोएणं पंचगसंजोएणं जे निष्फजइ सव्वे से सन्निवाइए नामे तत्थ णं दस दुअसंजोगा दस तिअसंजोगा पंच चउकसंजोगा एगे पंचकसंजोगे. 24 / एत्थ णं जे ते दस दुगसंजोगा ते णं. इमे-अस्थि णामे उदइए उवसमनिष्फराणे 1 अत्थि णामे उदइए-खाइगनिप्फराणे 2 अत्थि णामे उदइएखग्रोवसमनिष्फराणे 3 अस्थि णामे उदइए-पारिणामिअनिष्फराणे 4 अस्थि णामे उपसमिए-खयनिष्फणे 5 अस्थि णामे उवसमिए-खोवसमनिष्फराणे 6 अस्थि ‘णामे उपसमिए-पारिणामिअनिप्फराणे 7 अस्थि णामे खइएखग्रोवसमनिष्फराणे = अस्थि णामे खइए-पारिणामित्रनिष्फणे 1 अस्थि णामे खोवसमिए-पारिणामिअनिष्फरणे 10, 25 / कयरे से नामे 10