________________ 58 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्दशमो विभागः आणुपुब्बीदवाइं किं अस्थि णत्थि ?, नियमा अस्थि, एवं तिरिणवि, सेसगदाराई जहा दवाणुपुब्बीए संगहस्स तहा खेत्ताणुपुवीएवि भाणिअब्वाई, जाव से तं अणुगमे 1 / से तं संगहस्स अणोवणिहिया खेत्ताणुपुव्वी 10 / से तं अणोवणिहिश्रा खेत्ताणुपुव्वी 11 // सू० 102 // से किं तं उपणिहिया खेत्ताणुपुब्धी ?, 2 तिविहा पराणत्ता, तंजहापुवाणुपुव्वी पच्छाणुपुव्वी अणाणुपुवी 1 / से कि तं पुव्वाणुपुवी?, 2 ग्रहोलोए तिरिअलोए उड्डलोए, से तं पुवाणुपुब्वी 2 / से किं तं पच्छाणुपुवी ?, 2 उडलोए तिरिअलोए ग्रहोलोए, से तं पच्छाणुपुव्वी 3 / से किं तं अणाणुपुवी ?, 2 एकाए चेव एगाइअाए एगुत्तरियाए तिगच्छगयाए सेटीए अन्नमनभासो दूरुवूणो, से तं श्रणाणुपुब्बी 4 / ग्रहोलोअखेत्ताणुपुब्बी तिविहा पराणत्ता, तंजहा-पुव्वाणुपुव्वी पच्छाणुपुत्री अणाणुपुब्बी 5 / से किं तं पुव्वाणुपुब्बी ?, 2 रयणप्पभा सकरप्पभा वालुअप्पभा पंकप्पभा धूमप्पभा तमप्पभा(तमा) तमतमप्पभारतमा), से तं पुव्वाणुपुव्वी 6 / से किं तं पच्छाणुपुव्वी ?, 2 तमतमा जाव रयणप्पभा, से तं पच्छाणुपुव्वी 7 / से किं तं अणाणुपुब्बी ?, 2 एयाए चेव एगाइयाए एगुत्तरित्राए सत्तगच्छगयाए सेटीए अन्नमनभासो दुरूवूणो, से तं श्रणाणुपुब्बी 8 / तिरियलोअखेत्ताणुपुव्वी तिविहा पराणत्ता, तंजहा-पुब्बाणुपुव्वी पच्छाणुपुब्वी अणाणुपुष्वी 1 / से किं तं पुवाणुपुब्बी ?, 2 जंबुद्दीवे लवणे धायइ कालोप पुक्खरे वरुणे / खीर घय खोत्र नंदी अरुणवरे कुंडले रुअगे॥ 12 // जंबुद्दीवायो खलु निरंतरा सेसया असंखइमा। भुयगवर-कुसवरा वि य कोंचवराऽभरणमाईया // श्राभरणवत्थगंधे उप्पलतिलए श्र पुढवि(पउम)निहिरयणे / वासहरदहनईश्रो विजया वक्खारकप्पिंदा // 13 // कुरुमंदरावासा कूड़ा नक्खत्तचंदसूरा य / देवे नागे जक्खे भूए. अ सयंभुरमणे श्र॥ 14 // से तं