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________________ 36 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्दशमो विभागः उद्दे सो समुद्दे सो अणुराणा अणुयोगो य पत्तवइ ? श्रावस्सगवतिरित्तस्स उद्दे सो समुद्दे सो अणुराणा अणुयोगो य पवत्तइ ?, श्रावस्सगस्सवि उद्देसो समुद्दे सो अणुराणा अणुशोगो य पवत्तइ, श्रावस्सगवतिरित्तस्सवि उद्दे सो समुद्दे सो अणुराणा अणुशोगो य पवत्तइ, इमं पुण पट्टवणं पडुच्च श्रावस्सगस्स अणुयोगो॥ सू० 5 // जइ श्रावस्तगस्स अणुयोगो श्रावस्सयं कि अंग अंगाई, सुप्रखंधो सुप्रखंधा, अज्झयणं अज्झयणाई, उद्देसो उद्दे सा ?, श्रावस्सयराणं नो अंगं नो अंगाई, सुअखंधो नो सुअखंधा, नो अज्झयणं अभयणाई, नो उद्देसो नो उद्देसा // सू० 6 // तम्हा श्रावस्सयं निक्खिविस्सामि, सुग्रं निक्खिविस्सामि, खंधं निक्खिविस्सामि, अज्झयणं निक्खिविस्सामि // सू० 7 // जत्थ य जं(जयं) जाणेजा निक्खेवं निक्खिवे निरवसेसं / जत्थवि श्र न जाणेजा चउकगं निक्खिवे तत्थ // 1 // से किं तं श्रावस्तयं ? श्रावस्मयं चउन्विहं पराणत्तं, तनहा-नामावस्सयं ठवणावस्सयं दवावस्सयं भावावस्सयं // सू० 8 // से कि तं नामावस्सयं ?, 2 जस्स णं जीवस्स वा अजीवस्स वा जीवाण वा अजीवाण वा तदुभयस्स वा तदुभयाण वा श्रावस्सए(य)त्ति नाम कजइ, से तं (से तं) नामावस्सयं // सू०१॥ से किं तं ठवंणावस्सयं ?, 2 जगणं कठुकम्मे वा पोत्थकम्मे वा चित्तकम्मे वा लेप्पकम्मे वा गंथिमे वा (पोत्थकम्मे वा पुत्त (पत्त)कम्मे वा लेप्पकम्मे वा दंतकम्मे वा सेलकम्मे वा गंथिकम्मे वा) वेढिमे वा परिमे वा संघाइमे वा अक्खे वा वराडए वा एगो वा अणेगा वा सब्भावठवणाए वा असब्भावठवणाए वा श्रावस्सएत्ति ठवणा उविजइ, से तं ठवणावस्सयं // सू० 10 // नामट्ठवणाणं को पइविसेसो ?, णामं श्रावकहिग्रं, ठवणा इत्तरित्रा वा होजा श्रावकहिया वा // सू. 11 // से किं तं दवावस्सयं ?,. 2 दुविहं पराणत्तं, तंजहा-श्रागमो. अनोबागमत्रो अ॥ सू० 12 // से कि
SR No.004375
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 14
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1976
Total Pages154
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_nandisutra, & agam_anuyogdwar
File Size17 MB
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