________________ [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः / चतुर्दशमों मिागो चरणकरणपवणा श्रापविजइ, से तं उवासगदसायो 5 ॥णा सू० 38 // से किं तं अंतगडदमायो ? अंतगडदसासु णं अंतगडाणं नगराई उजाणाई चेइयाई वणसंडाई समोसरणा रायाणो अम्मापियरो धम्मायरिया धम्मकहायो इहलाइयपरलोइयाइडिविसेमा भोगपरिचाया पध्वजारो परि. आया सुअपरिग्गहा तवोवहाणाई संलेहणायो भत्तपञ्चक्खाणाई पायोवगमणाई अंतकिरियायो श्राघविज्जति 1 / अंतगडदसासु णं परित्ता वायणा संखिजा अणुयोगदारा संखिजा वेढा संखिजा सिलोगा संखिजायो निज्जुत्तीयो संखिजागे पडिवत्तीयो संखिजागो. संगहणीयो 2 / से णं अंगठ्ठयाए अट्ठमे अंगे एगे सुअक्खंधे अट्ट वग्गा अट्ठ उद्देसणकाला अट्ठ समुद्दे सणकाला संखिजाई पयसहस्साई पयग्गेणं 3 / संखिजा अवखरा अणंता गमा श्रगता पजवा परित्ता तसा अणंना थायरा सासयकडनिबद्धनिकाइया जिणपन्नता भावा पापविज्जति पन्नविज्जंति परूविज्जति दसिज्जति निदंसिज्जति उवदंसिज्जंति 4 / से एवं बाया से एवं नाया से एवं विनाया से एवं चरणकरणपरूषणा श्रावविजइ, से तं अंतगडदसायो 5 // 8 // सू० 31 से किं तं श्रणुतरोववाइबदसायो ? अणुत्तरोववाइबदमासु णं अणुत्तरोववाइयाणं . नगराई उजाणाई चेइयाई वणसंडाई समोसरणाई रायाणो अम्मापि• यरो धम्मायरिया धम्मकहाश्रो इहलोइयपरलोइयाइड्डिक्सेिसा भोगपरिचाया पव्वजायो परिवाया सुअपरिग्गहा तवोवहाणाई पडिमायो उवसग्गा संलेहणाश्रो भत्तपञ्चक्खाणाई पायोवगमणाई अणुत्तरोववाइयत्ते उववत्ती सुकुलपञ्चायाईश्रो पुणबोहिलाभा अंतकिरियायो श्राविति 1 / श्रणुत्तरोववाइयदसासु णं परित्ता वायणा संखिजा अणुयोगदारा संखिजा वेढा संखिंजा सिलोगा संखिजायो निज्जुत्तीयो संखिजायो पडि. वत्तीश्रो संखिजाओ संगहणीयो 2 / से णं अंगट्टयाए नवमे अंगे एगे