________________ औनन्दिनम् / सव्वाई दवाई जाणइ न पासइ, खेत्तश्रो णं श्राभिणिबोहिय-नाणी पाए. सेणं सत्वं खेत्तं जाणइ न पासइ, कालो णं आभिणिबोहियनाणी पाए. सेणं सव्वं कालं जाणइ न पासइ, भावयो णं श्राभिणिवोहियनाणी श्राएसेणं सब्वे भावे जाणइ न पा रइ 2 / उग्गहईहाज्वायो य. धारणा एव हुँति बत्तारि / श्राभिणिवोहियनाणस्स भेयवत्थू समासेणं // 1 // अत्थाणं उग्गहणंमि उग्गहे, तह विश्रालणे ईहा / वयसायमि वायो, धरणं पुण धारणं विति // 2 // उग्गह इवकं समयं, ईहाऽवाया मुहुत्तमद्धं(मंतं) तु। कालमसंखं संखं च, धारणा होई नायव्वा // 3 // पुटुं सुणेइ सह, स्वं पुण पासइ अपुटुं तु / गंधं रसं च फासं च, बद्रपुटुं वियागरे // 4 // भासाममसेदीयो, सहज सुणइ मीसियं सुगइ / वीसेटी पुण सह, सुणे.इ नियमा पराघाए // 5 // ईहा अपोह वीमंसा, मग्गणा य गवेसणा / सन्ना सई मई पन्ना, सव्वं श्राभिणिबोहियं // 6 // से तं श्राभिणिबोहियनाणपरोक्खं, से तं मइनाणं 3 // सू० 21 // से किं तं सुयनाण-परोक्खं ?, सुयनाणपरोक्खं चोदसविहं पन्नत्तं, तं जहा-अक्खरसुयं 1 अणक्खरस्यं 2 सन्निसुयं 3 श्रसन्निसुयं 4 सम्मसुयं 5 मिच्छासुयं 6 साइसुयं 7 अगाइसुयं 8 सपजवसियसुयं 1 अपजवसियसुयं 10 गमियसुयं 11 अगमियसुयं 12 अंगपविट्ठ सुयं 13 अणंगपविट्ठ सुयं 14 // सू० 22 // से किं तं अक्खरसुयं ? अक्खरसुयं तिविहं पन्नतं, तं जहा-सन्नखरं-वंजणक्खरं लद्धियक्खरं, से किं तं मन्नवखरं ? सन्नक्खरं अक्खरस्स संगणाऽऽगिई (सद्धाणगइ). से तं सन्नवखरं, से किं त वंजणक्ख{ ? वंजणक्खरं अवखरस्स वंजणाभिलावो, से तं वंजणवखरं, से किंत लद्धिअवखरं ? लद्धिअक्खरं अक्खरलद्धियरस लद्धियक्खरं समुप्पजइ, तंजहा-सोइंदिवलद्धिअक्खरं चविखदियलद्धियाखरं, घाणिदियलद्धियक्खरं, जिभिदियलद्धिअक्खरं, फासिदियलद्धिअखरं; नोइंदियला अक्खरं, संतं लद्धिअक्खरं से तं श्रखरसुयं