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________________ संपादकीय निवेदन [5 प्रकाशित सं० 1993) वादिवेताल पू० आ० श्रीशांतिमूरिजी म० रचित टीका(देवचंद लालभाई प्रकाशित सं० 1972) तथा ऋषभदेवजी छगनीरामजी संस्था द्वारा प्रकाशित सं० 2007) तथा मास्तर छोटालाल नानचंद (वीर सं. २४५७)श्री वीरसमाज (सं 1962) श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला (2020) प्रकाशित मूलसूत्रनो आधार लेवामां आव्यो छे, ते सौ प्रत्ये कृतज्ञता प्रकट कर छु टीकाओमा रहेला पाठांतरो मेलवीने मूलपाठ जोडे कौंशमां आपेला छे. श्री श्रमण संघमा आगमो कंठस्थ करवामां, स्वाध्याय करवामां, विस्तृत टीकाओना वांचन पछी मूलसूत्रोनु पुनरावर्तन करवामां, आ मूल सूत्रोना संयुक्त संपादन थी घणी अनुकूलता रहेशे. अने अथी होशे होशे उत्साही मुनि भगवंतो सूत्रो कंठस्थ करीने आगम श्रुतने धारण करवा माटे पण समर्थ बनी शकशे. 2, 5, के 10, 20 सूत्र कंठस्थ करनारा अने पुरतो प्रयत्न थाय तो अक लाख श्लोक प्रमाण मूल सूत्रो कंठस्थ करी धारी राखनारा अनेक गणो मुनिवरोमां थइ शकशे. 'ज्ञानधनाः साधवः' अविधान मुजब श्रमण संघना प्राण समान आ आगम सूत्रोनु श्री श्रमण भगवंतो द्वारा विशेष परिशीलन थतां श्रीसंघने माटे श्री शासन ने माटे घणी उज्वलता फेलाशे अने ओ आशयथी स्वपरना श्रेयकारी आगम सूत्रोनां संशोधन संपादनमा अविरत उत्साह प्रवर्तमान छे. प्रकाशननी सगवडता माटे श्री गौतम आर्ट प्रिन्टर्स (ब्यावर) ना व्यवस्थापक श्री छगनलालभाई ओ जे खंत अने उत्साह बताव्या छे तेने कारणे आ प्रकाशनो समयसर प्रका. शित थइ रह्या छे. चरम तीर्थपति श्रमण भगवान महावीर देवे प्रकाशेल जिनवाणीनो प्रभाव पांचमा आराना छेडा सुधी रहेशे से ज्वलंत जिनवाणीनो प्रकाश आपणा आत्माने अजवालनारो बने ते माटे योग्यता अने अधिकार मुजव जिनवाणीनी उपासनाभक्तिमां भावोल्लास पूर्वक रस लइ रह्यो छु ते टकी रहे. अने सौ श्रुत आराधनामा उजमाल बनी अज मारा अंतरनी शुभ भावना छे. वीर सं० 2501 वि० सं० 2031 / आसो सुद 1 मंगलवार जैन उपाश्रय, एन्डुझरोड शांताकुझ पश्चिम, मुबई-५४ ) हालार देशोद्धारक कविरत्न पूज्य आचार्यदेव श्रीमद्विजयअमृतसूरीश्वरजी महाराजानो चरण सेवक पं० जिनेन्द्रविजय गणो
SR No.004374
Book TitleAgam Sudha Sindhu Part 13
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinendravijay Gani
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1975
Total Pages218
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_pindniryukti, agam_dashvaikalik, & agam_uttaradhyayan
File Size21 MB
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