________________ बामदुत्तराध्ययनम् : अध्ययनं 36 ]... [ 15 पाहिए। अदासमए चेत्र, अरूषी दमहा भवे // 6 // धम्माधम्मे य दोऽवेए, लोगमित्ता वियाहिया / लोगालोगे य यागासे, समए समयखित्तिए // 7 // धम्मा यम्मागासा, तिनिवि एए अणाइया / अपजरसिया चेव, सम्बद्धं तु वियाहिया // 8 // समए वि सन्तई पप्प, एवमेव वियाहिया। श्राएमं पप्प साईए, सपजवसिएऽवि य // 1 // खन्धा य खन्धदेसा य, तप्पएमा तहेव य / परमाणुणो श्र बोद्धव्वा, रूविणो अचउबिहा // 10 // एगत्तेण पुहुत्तेणं, खन्धा य परमाणु य / लोएगदेसे लोए अ, भइअव्वा ते उ खित्तो // 11 // सुहुमा सव्वलोगम्मि, लोगदेसे य बायरा / इत्तो कालविभागं तु, तेसिं वुच्छ चउविहं // 12 // संतई पण तेऽणाई, अप्पजवसिया वि य / ठिई पडुच्च साईबा, सप्पजवसिावि य // 13 // असंखकाल-मुकोसं, इक्कं समयं जहन्नयं / अजीवाण य रूवीणं, ठिई एसा विवाहिया // 14 // अणन्तकालमुक्कोसं, इक्कं समयं जहन्नयं / अजीवाण य रुवीणं, अन्तरेयं विश्राहियं // 15 // वनयो गन्धयो चेव, रसयो फासयो तहा / संगणयो य विन्नेग्रो, परिणामो तेसि पंचहा // 16 // वन्नयो परिणया जे उ, पंचहा ते पकित्तिया / किराहा नीला य लोहिया, हालिद्दा सुकिला तहा // 17 // गन्धो परिणया जे य, दुविहा ते वियाहिया। सुब्भिगन्धपरिणामा, दुन्भिगन्धा तहेव य // 18 // रसो परिणया जे उ, पंचहा ते पकित्तिया / तित्तकडुयकसाया, अम्बिला महुरा तहा // 11 // फासो परिणया जे उ, अट्टहा ते पकित्तिया / कवखडा मउया चेव, गुरुया लहुया तहा // 20 // सीया उराहा य निद्रा य, तहा लुक्खा य ाहिया / इति फासपरिणया एए, पुग्गला समुदाहिया // 21 / संगण परिणया, जे उ पंचहा ते पकित्तिया / परिभंडला य वट्टा य, तंसा चउरंसमायया // 22 // वराणी जे भवे किराहे, भइए से उ गन्धयो / रसग्रो फासो चेव, भइए संगणोऽवि य // 23 //