________________ श्रीमदोरीचयनमत्रम् / अध्ययन रही नपुंसगवेयं च न बंधइ, पुव्वबद्धं च णं निजरइ // 5 // निंदणयाए णं भंते ! जीवे किं जगेइ ?, निंदण ाए णं पछाणुतावं जणाइ, पच्छाणुतावेणं विरजमाणे करणगुणसेटिं पडिवज्जइ, करणगुणसेढि-पडिबन्ने य 'यणगारे मोहणिज्ज कम्मं उग्बाएइ // 6 // गरिहणाए गf भंते ! जीवे किं जणेइ ? गरिहणार णं अपुरकारं जोइ, अपुरकारगए णं जीवे अप्पसत्येहितो जोगेहितो नियत्तइ, पसत्थेहि य पडिवजइ, पसत्थजोगाडेिवन्ने य णं अणारे यगांताई पज्जवे-खवेइ // 7 // सामाइएणं भंते ! जीवे किं जणेइ ? सामाइएगां सावज्ज-जोगविरई जणयइ // 8 // चयी स्थाणं भंते ! जोवे किं जणेइ ! चवीसत्यएगां दमणविसोहिं जणे // 1 // वंदणएगां भंते ! जीवे किं जणेइ ? वंदणएगां नीयागोयं कम्म खोइ, उच्चागोयं निबंधइ, सोहग्गं व गां अपडिहयं ग्राणाफलं निवत्तेइ दाहिणभावं च णं जणेइ // 10 // पडिकमणेणं भंते ! जीवे कि जणेइ ? पडिकमणेणं वयछिदाई पिहेइ, पिहियवयछिद्दे पुण जीवे निरुद्धासवे असवलचरिते अट्ठपु पवयणमायासु उपउत्ते अपुहुत्ते सुप्पणिहिए विहरइ // 11 // काउस्सन्गेणं भंते ! जीवे किं जणेइ ? काउस्सग्गेणं तीयपडुपन्नं पायच्छित्तं विसोहेइ, विसुद्धप्रायछित्ते य जीवे निवुयहियए योहरियभरुव भारवहे धम्मज्माणोवगए सुहं सुहेणं विहरइ // 12 // पञ्चक्खाणेणं भंते ! जीवे किं जणेइ ? पञ्चक्खाणेणं यासवदाराई निरु भइ, (पञ्चक्खाणेणं इच्छानिरोहं जगयइ, इच्छानिरोहं गए य णं जीवे सम्बदव्वेसु विणीयतराहे सीयलभूए विहरइ) // 13 // थयथुः मंगलेणं भंते ! जीवे कि जणेइ ? थयथुइ-मंगलेणं नाणदंसणचरित्तबो हेलाभं संजणड, नाणदसण-वरित्तो हेलाभ-संपन्ने णं जीवे (अगं)नकिरियं कप्पविमाणोववत्तियं बाराहणं पाराहेइ // 14 // कान पडिलेहणाए | भंते ! जीवे किं जणेइ ? कालपडिलेहणाए नाणावरणिज्ज कम्म खवेइ // 15 // पायच्छित्तकरणेणं भंते ! जीवे किं जोइ ?