________________ [1 अनुक्रमः पृष्ठांक: 150 154 155 क्रमः अध्ययन-नाम् 15 श्री सभिक्षु 16 // ब्रह्मचर्यसमाधि 17 , पापश्रमणीय 18, संयतीय 16, मृगापुत्रीय 20, महानिर्ग्रन्थीय 21 , समुद्रपालीय 22 ,, रथनेमीय 23 ,, केशीगौतमीय 24 , प्रवचनमात, 25 ,, यज्ञीय पृष्ठांकः / क्रमः अध्ययन-नाम 117 | 26 श्री सामाचारी . 118 | 27 ,, खलुकीय | 28 , मोक्षमार्गगति 124 | 26 ,, सम्यक्त्व पराक्रम | 30 ,, तपोमार्गगति 31, चरणविधि 136 | 32, प्रमादस्थान 33 ,, कर्मप्रकृति 141 | 34 ,, लेश्या . 35 ,, अनगारमार्गगति 148 | 36 ,, जीवाजीवविभक्ति