________________ श्रीमदावश्यकरत्रम् : अध्ययनं 11 जो वा जत्थ सुपरिनिट्टियो होई / सज्झगिरिसिद्धोविव स कम्मसिद्धति विन्नेश्रो // 12 // जो सव्वसिप्पकुसलो जो वा जत्थ सुपरिनिट्टियो होइ / कोकासवडईविव साइसरो सिप्पसिद्धो सो // 130 // इत्थी विजाभिहिया पुरिसो मंतुत्ति तबिसेसोयं / विजा ससाहणा वा साहणरहियो श्र मंतुत्ति // 131 // विजाण चकवट्टी विजासिद्धो स जस्स वेगावि / सिझिज महाविजा विजासिद्धऽज्जखउडुव्व // 132 // साहीणसधमंतो बहुमंतो वा पहाणमंतो वा / नेत्रो स मंतसिद्धो खंभागरिसुब्ब साइसयो॥ 133 // सव्वेवि दव्वजोगा परमच्छेरयफलाऽहवेगोवि / जस्सेह हुज मिद्धो स जोगसिद्धो जहा समिश्रो॥१३॥श्रागमसिद्धो सवंगपारयो गोत्रमुख गुणरासी। पउरत्थो अत्थपरो व मम्मणो अत्थसिद्धत्ति॥१३॥ जो निचसिद्धजत्ती लद्धवरो जो व तुडियाइव / सो किर जत्तासिद्धोऽभिप्पात्रो बुद्धिपजायो // 136 // विउला विमला सुहुमा जस्स मई जो बउबिहाए वा / बुद्धीए संपन्नो स बुद्धिसिद्धो इमा सा य॥ 137 // उप्पत्तित्रा' वेणइथा कमिया' पारिणामिया' / बुद्धी चउबिहा वुत्ता पंचमा नोवल भए / / 138 // पुवमदिट्ठमस्सुअ-मवेइत्र तक्खणविसुद्धगहिअत्था। अब्बाहयफल-जोगिणि बुद्धी उप्पत्तिश्रा नाम // 131 // भरहसिल' पणिय रक्खे खुड्ख पड सरड काग उच्चारे / गय घयण गोल" खंभे खुड्डग' मग्गित्थि" पइ" पुत्ते // 140 // मरहसिल' मिंढ' कुक्कुड' तिल वालु हत्थि अगड" वणसंडे / पायस अइबा" पत्ते" खाडहिला पंचपियरो' अ॥ 141 // महुसिथ मुद्दि अंक' श्र नाणए भिक्खु" चेडगनिहाणे / सिक्खा य अत्थसत्थे" इच्छा य महं५ सयसहस्से" // 142 // भरनित्थरणसमत्था तिवग्गसुत्तत्थ-गहिश्रपेयाला / उभो लोगफलवई विणयसमुत्था हवइ बुद्धी // 143 // निमित्ते' श्रत्थसत्थे अ लेहे गणिए | कूव' अस्से / गहह लक्खण गंठी'