________________ भीमदारयकर : अध्ययन 1 ] - पुण अणभुवगमो अहिगारो तिहि उ श्रोसन्नं // 760 // णत्थि णएहि विहणं सुत्तं अत्यो य जिणमए किंचि / श्रासज उ सोयारं णए णयविसारयो बूया // 761 // मूढनइयं सुयं कालियं तु ण णया समोयरंति इहं / अपुहुत्ते समोयारो नत्थि पुहुत्ते समोयारो॥ 762 // जावंत अजवइरा अपुहुनं कालियाणुयोगस्स / तेणारेण पुहुत्तं कालियसुय दिट्ठिवाए य / / 763 / / तुबरणसंनिवेसायो निग्गयं पिउसगासमल्लीणं / छम्मासियं छसु जयं माऊयसमन्नियं वंदे // 764 // जो गुज्झएहिं बालो णिमंतियो भोयणेण वासंते / / णेच्छइ विणीयविणको तं वइररिसिं णमंसामि // 765 // उज्जेणीए जो जंभगेहि श्राणक्खिऊण थुयाहियो / अक्खीणमहाणसियं सीहगिरिपसंसियं वंदे // 766 // जस्स अणुनाए वायगत्तणे दसपुरंमि नयरंमि / देवेहि कया महिमा पयाणुसारिं नमसामि // 767 // जो कनाड धणेण य निमंतियो जुब्वणंमि गिहवइणा / नयरंमि कुसुमनामे तं वारितिं नमामि // 768 // जेणुद्धरिया विजा श्रागासगमा महापरि. नायो / वंदामि अजवइरं श्राच्छिमो जो सुबहराणं // 761 // भणइ श्र बाहिडिजा जंबुद्दीवं इमाइ विजाए / गंतु च माणुसनगं विजाए एस मे विसयो॥७७० // भणइ अ धारेवा न हु दायबा इमा मए विजा। अप्पिट्ठिया उ मणुथा होहिंति यो परं अन्ने // 771 // माहेसरीउ सेसा पुरिअं नीथा हुअासणगिहायो / गयणयलमइवइत्ता वइरेण महाणुभागेण // 772 // अपहुचे अणुयोगो चत्तारि दुवार भासई एगो। पुहत्ताणुयोगकणे ते अत्थ तयो उ वुच्छिन्ना // 773 // देविंदवंदिएहि महाणुभागेहि रक्खियजेहिं / जुगमासज विभत्तो अणुयोगो तो कयो चउहा // 77 // माया य रुद्दसोमा पिया य नामेण सोमदेवुत्ति / भाया य फग्गुरक्खिय तोसलिपुत्ता य थायरिया // 775 // निजवण भद्दगुत्ते वीसु पढणं च तस्स पुदगयं / पव्वावियो य भाषा रविखणखमणेहिं जणो श्र॥७७६॥